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बढ़ते तूफान पर एक शांत नजर

।। एमजे अकबर ।।(वरिष्ष्ठ पत्रकार हैं)– सीरिया के खेल में काफी रहस्य छिपा है, जिसमें शिया-सुन्नी संघर्ष के साथ ही कट्टरपंथी विचारधारा भी शामिल है, जो इस क्षेत्र का मुख्य विषय बन गया है. ये ऐसे खेल हैं, जो असली हथियार के साथ लड़े जा रहे हैं. सीरिया सरकार को रूस आधुनिक हथियार मुहैया करा […]

।। एमजे अकबर ।।
(वरिष्ष्ठ पत्रकार हैं)
– सीरिया के खेल में काफी रहस्य छिपा है, जिसमें शिया-सुन्नी संघर्ष के साथ ही कट्टरपंथी विचारधारा भी शामिल है, जो इस क्षेत्र का मुख्य विषय बन गया है. ये ऐसे खेल हैं, जो असली हथियार के साथ लड़े जा रहे हैं. सीरिया सरकार को रूस आधुनिक हथियार मुहैया करा रहा है, जबकि अमेरिका विद्रोहियों के पक्ष में खड़ा है. यह लड़ाई अत्यधिक हस्तक्षेप के कारण बढ़ी है. –

जॉर्डन उसी तरह शांत है, जैसे तूफान आने से पहले शांति रहती है. छुट्टी के दिन भी कैफे में सिगरेट पीते नागरिक और शिकायत करते पर्यटक मिल जाते हैं. यहां आप कभी यह कल्पना नहीं कर सकते कि अम्मान से मात्र एक घंटे की ड्राइव पर स्थिति सीरिया गृह युद्ध के कारण बरबाद हो रहा है.

नक्शे पर जॉर्डन भू-राजनीतिक किले की तरह दिखता है. सभी ओर से घोषित और अघोषित संघर्ष के बावजूद यह सुरक्षित है. इसके पूर्व में इराक है, जो अलकायदा को खत्म करने के जॉर्ज बुश और उनके रूढ़ीवादी साथियों के फैसले के कारण लगातार हिंसा का सामना करनेवाला देश बन गया है, जबकि यहां अलकायदा कभी था ही नहीं. वाशिंगटन और लंदन जानते थे कि लड़ाई कैसे शुरू करनी है, लेकिन कोई नहीं जानता कि इसे कैसे खत्म करना है.

जॉर्डन के पश्चिम में इजरायल है, जहां लड़ाई राज्य की नीति बन गयी है. वहां के सभी नागरिक स्थायी तौर पर सतर्क रहते हैं और इतिहास अपेक्षित तौर पर घूमफिर कर समझौते की खोज में लगा रहता है, जिससे शांति स्थापित हो सके. इसके दक्षिण में सऊदी अरब है, जो स्वयं से संघर्ष कर रहा है, जो महिलाओं द्वारा चेहरा प्रदर्शित करने की मांग का समाधान करने में सफल नहीं हो पा रहा है.

अम्मान में जींस पहने पुरुष व महिलाओं को देखा जा सकता है. यहां आपको नकाब पहने शायद कोई पर्यटक ही दिखे. जॉर्डन के उत्तर-पूर्व में लेबनान है, जिसने पुराने शब्द ‘स्थायी युद्ध’ को नया आयाम दे दिया है. बातचीत में निश्चित तौर पर एक राय है कि सीरिया आधुनिक इतिहास की सबसे पुरानी गलती, तेल और गैस, का हालिया शिकार है. यह हाल के समय के सबसे बड़ा सच है.

यूरोप के साम्राज्यवादी उभार से पहले किसी को भी पश्चिम एशिया के रेगिस्तान के प्रति रुचि नहीं थी. जब यूरोप के साम्राज्यवादियों को मसजिद-ए-सुलेमानिया जैसे सुदूर क्षेत्र में तेल के बारे में पता चला, तब वे इसे ब्रिटेन और फ्रांस लाकर अपनी नेवी और व्यापार को बढ़ाना शुरू किया. मेरा मानना है कि असद परिवार जैसे आर्मी समर्थित धर्मनिरपेक्ष तानाशाह के दिन अब खत्म हो चुके हैं, लेकिन यह ऐसा क्षेत्र है जो तानाशाहों से अधिक परिचित रहा है.

आप कुछ तथ्यों पर बहस नहीं कर सकते हैं. ऐसा लगता है कि इराक के ऑयल टैंकरों को वहां की हिंसा से परेशानी नहीं है. लीबिया में कुछ भी काम करता नहीं दिख रहा हो, लेकिन तेल कंपनियां काम कर रही हैं. क्या आप कह सकते हैं कि इरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध है? आप इसे किसी को कहें या वैसे लोगों को सुनाएं जो सुनना चाहते हैं. इरान का तेल इराक जाता है, जहां वह कागज पर इराकी तेल हो जाता है.

प्रतिबंधों के कारण इरान को अपनी क्षमता विकसित करने में मदद मिल रही है, उसी तरह जैसे बंद अर्थव्यवस्था ने आयात न करनेवाली वस्तुओं के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों के लिए राह तैयार की. आज इरान में दस ऑटोमोबाइल कंपनियां है. प्रतिबंध से सजा मिलती है, लेकिन इसके प्रति लगाव नहीं होना चाहिए. इससे आपको विदेशी फास्ट फूड को आगे बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है, या फिर आप विदेशी कंपनियों के साबुन की बजाय खुद का साबुन बनाने की ओर अग्रसर होते हैं. स्थानीय कंपनियां भी मल्टीनेशनल कंपनियों के समान रह सकती हैं, न कि केवल उनके उत्पादों का वेंडर बन कर.

इजरायल सैन्य तौर पर इतना ताकतवर है कि वह अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और दोहन कर सके. दूसरे देश ऐसा नहीं हैं. सीरिया के खेल में काफी रहस्य छिपा है, जिसमें शिया-सुन्नी संघर्ष के साथ ही कट्टरपंथी विचारधारा भी शामिल है, जो इस क्षेत्र का मुख्य विषय बन गया है. ये ऐसे खेल हैं, जो असली हथियार के साथ लड़े जा रहे हैं. हथियार बेचने के पीछे कुछ कारण होते हैं या फिर वैश्विक राजनीति का खेल.

सीरिया सरकार को रूस आधुनिक हथियार मुहैया करा रहा है, जबकि अमेरिका विद्रोहियों के पक्ष में खड़ा है. यह लड़ाई अत्यधिक हस्तक्षेप के कारण बढ़ी है. संयुक्त राष्ट्र संघ कहीं दिख भी नहीं रहा है. अगर रूस और चीन असद की हार नहीं देख सकते, तो अमेरिका भी विद्रोह का खात्मा नहीं सह सकता है. दोनों ओर विरोधाभास है. रूस नहीं मानता कि असद परिवार को लंबी अवधि के समाधान का हिस्सा होना चाहिए. वाशिंगटन मानता है कि कई विद्रोही कट्टरपंथी हैं, जो सीरिया के अल्पसंख्यकों पर कहर बरपा देंगे और फिर कभी सत्ता में आने पर पश्चिमी देशों को निशाना बनाने लगेंगे.

जब आप अल्पसंख्यकों के बारे में सोचते हैं, तो इसमें महिलाओं को भी शामिल करें. विद्रोहियों को कुछ समर्थन अमीरों का भी मिल रहा है, जो आधुनिक सामाजिक व्यवस्था को खत्म करने की ताक में रहते हैं. सीरिया में धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र होना चाहिए, जिसका वह हकदार है. इसी वादे ने बाथ पार्टी को सीरिया के भाग्य का अभिभावक बनाया.

बाथ पार्टी ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रयोग अपने हित में करना शुरू किया, जिससे कभी समाज को आगे बढ़ाने का काम करनेवालों ने उसे ही खतरे में डाल दिया. अब यथास्थिति स्वीकार्य नहीं है, लेकिन अगर लड़ाई बढ़ती है तो यह नियंत्रण से बाहर हो जायेगी. सीजफायर और बातचीत पहले शुरू कर दें, नहीं तो कोई विकल्प नहीं बचेगा. न ही इसके बाद शांति बचेगी.

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