पाकिस्तान में एक सैन्य तानाशाह एवं पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को विशेष अदालत ने फांसी की सजा कैसे सुना दी? ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ! स्वयं पाकिस्तानियों को भी विश्वास नहीं हुआ कि क्या सचमुच पाकिस्तानी सेना के लोग भी कानून के दायरे में आ सकते हैं?
इस सवाल पर अभी मैं सोच ही रहा था कि एक समाचार आ गया. लाहौर उच्च न्यायालय का फरमान आया है कि मुशर्रफ को सुनायी गयी सजा असंवैधानिक है. ऐसे में, अब तो आशंका यही है कि जिन तीन जजों ने मुशर्रफ को मौत की सजा सुनायी थी, कहीं उनके सिर पर ही तलवार न लटक जाये. पाकिस्तान में सेना से टकराना न कभी संभव था, न है, और न आगे कभी होगा.
जंग बहादुर सिंह, जमशेदपुर, झारखंड