नयी दिल्ली: भाजपा ने माओवादियों द्वारा कल छत्तीगढ़ में 16 लोगों की हत्या करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि संसदीय लोकतंत्र को समाप्त करके अपनी विचारधारा की तानाशाही थोपने का प्रयास कर रहे नक्सलियों के खिलाफ आधी अधूरी लड़ाई की बजाय पूरी शक्ति से उनसे निपटना होगा.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने आज कहा, ‘‘हमें आदिवासियों को माओवादियों से मुक्त कराना होगा. माओवादियों के खिलाफ लड़ाई कभी भी आधे-अधूरे ढंग से नहीं लड़ी जा सकती है. भारत शासन को अपनी पूरी ताकत के साथ उनसे मोर्चा लेना होगा.’’ उन्होंने कहा यह तर्क आधी सचाई है कि आदिवासी और अति पिछड़े क्षेत्रों की आर्थिक प्रगति करने से उन इलाकों को माओवादियों के प्रभाव से मुक्त किया जा सकेगा.भाजपा नेता ने कहा, पूरी सचाई यह है कि किसी भी सरकार के लिए माओवादी प्रभाव के क्षेत्रों में प्रवेश करने की पूर्व शर्त वहां पहले शांति बहाली करना होगी. बारुदी सुरंगों को हटाना होगा. माओवादियों की निजी सेना से हथियार छीनने होंगे. आम नागरिकों से धन उगाही रोकनी होगी.
उन्होंने सवाल किया आखिर कब तक भारत माओवादी हिंसा में अपने आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को गंवाता रहेगा. कब तक हम उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में विकास के एजेंडे को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे. जेटली ने कहा कि माओवादी कोई गुमराह विचारधारा वाले लोग नहीं हैं वे सामाज सुधारक भी नहीं हैं. माओवाद कोई गरीबी उन्मूलन की योजना भी नहीं है. यह ऐसा विचारधारात्मक आंदोलन है जिसकी मंशा भारतीय संसदीय लोकतंत्र को सशस्त तरीके से उखाड़ फेंक कर अपनी विचारधारात्मक तानाशाही स्थापित करना है.