त्राल : जम्मू-कश्मीर के उड़ी निवासी बहादुर कांस्टेबल मजूर अहमद नाइक ने त्राल में आतंकियों का खात्मा करने की दूसरी कोशिश में जान गंवा दी. वह जल्द ही पिता बननेवाला था. दो आतंकी रेशीपुरा के एक घर में छिप कर जवानों पर गोलीबारी कर रहे थे. अधिकारियों ने मकान को ध्वस्त करने का फैसला किया, जिसके बाद कांस्टेबल नाइक ने खुद आगे आकर आतंकियों का सामना किया.
आतंकियों की गोलीबारी से डरे बिना उन्होंने मकान के चारों ओर विस्फोटक लगाये. जैसे ही वह अपने स्थान से पीछे हटे, तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, लेकिन वह किसी तरह बच कर निकलने में सफल रहे. एक अधिकारी ने बताया कि उसने जो विस्फोटक लगाये थे, उससे आधा मकान ही ध्वस्त हुआ. नाइक ने फिर मकान के बचे हुए हिस्सों के पास विस्फोटक लगाने का जिम्मा संभाला. लेकिन, इस बार जैसे ही वह मकान की ओर बढ़ा, तो उसे आतंकियों की गोलियां लग गयी.
घायल होने के बावजूद अंतिम सांस तक नाइक ने मकान के शेष हिस्सों पर विस्फोटक लगा दिये. कांस्टेबल के परिवार में पत्नी, चार साल का बेटा आरजू और दो बेरोजगार भाई है. उनकी पत्नी गर्भवती है.
मकान में छिपे आतंकियों से 12 घंटे तक चली मुठभेड़
दक्षिण कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच करीब 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया, जबकि हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मारे गये, जो बुरहान वानी के साथी थे. इसके अलावा सेना के मेजर समेत छह अन्य सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गये. मारे गये आतंकियों में से एक आकिब भट उर्फ आकिब मौलवी पिछले तीन वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय था. वह त्राल के हायना का रहनेवाला था. उसने रविवार तड़के अपने पिता को फोन कर उन्हें अलविदा कहा था. दूसरा आतंकी सैफउल्लाह उर्फ ओसामा पाकिस्तान का रहनेवाला था. वह हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करता था. इससे पहले ओसामा जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम कर चुका था.