नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नीत संप्रग को पराजित करने और भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए 11 दलों ने आज एकजुटता दिखाते हुए खुद को उनके विकल्प के रुप में पेश किया. इसकी घोषणा जदयू,वाम, समाजवादी पार्टी, अन्नाद्रमुक सहित विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक के बाद की गयी. बहरहाल, उनके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के जटिल मुद्दे को चुनाव तक टाल दिया गया है.
एक घंटे से अधिक तक चली बैठक के बाद माकपा महासचिव प्रकाश करात ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 11 पार्टियां संप्रग को हराने के लिए मिलकर काम करेंगी जिसके शासन में व्यापक भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ी है. जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जदएस नेता एच डी देवगौड़ा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में करात ने कहा कि भाजपा की नीतियां भी कांग्रेस के समान हैं. ‘‘भाजपा भी उसी सिक्के का दूसरा पहलू है.’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा सांप्रदायिक राजनीति का प्रतिनिधित्व करती है जो देश के लिए खतरनाक है. माकपा नेता ने कहा कि 11 पार्टियां संप्रग एवं भाजपा का विकल्प पेश करेंगी. उन्होंने अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों से अपील की कि वे भी उनके इस प्रयास में शामिल हों.
मुलायम सिंह ने कहा कि तीसरे विकल्प वाले समूह का भविष्य में विस्तार हो सकता है. ‘‘आज हम 11 पार्टियां हैं. बाद में ये 15 हो सकती हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि यदि तीसरे विकल्प का प्रयोग सफल नहीं हुआ तो क्या जदयू भाजपा के साथ फिर से नाता जोड़ेगा, नीतीश कुमार ने दावा किया कि भाजपा के पास लौटने की बात तो छोड़ दीजिये, उनके साथ कोई संपर्क भी नहीं है.