नयी दिल्ली : महात्मा गांधी को समर्पित 108 गीतों का एक अनूठा संगीत संग्रह जारी किया गया है. कश्मीरी, सिंधी और उर्दू सहित 14 भाषाओं के इन गीतों को देश के जाने माने कवियों ने लिखा है.यह अलबम दो दशक पुरानी (बापूगीतिका) महात्मा के लिए गीत’’ परियोजना का हिस्सा है और इसे सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी कल्पना पालखीवाला ने आकार दिया है. कल्पना ने बताया, ‘‘बापू को समर्पित जिन 108 रचनाओं का चयन किया गया, उनमें से कुछ उनके जीवनकाल में ही लिखी गई थीं और कुछ को उनकी मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि के तौर पर कलमबंद किया गया.’’ इन रचनाओं में देश के साहित्यिक प्रकाशपुंज रवीन्द्र नाथ टैगोर, सुभद्रा कुमारी चौहान, मैथिलीशरण गुप्त, सुब्रमण्यम भारती, अमृता प्रीतम, रामधारी सिंह दिनकर, उमा शंकर जोशी, सुभद्रानंदन पंत, रायपरोलु सुब्बा राव और नातू गोपाल नरहर की कृतियां शामिल हैं.
कल्पना का कहना है कि हर वर्ष रेडियो और टेलीविजन पर बजने वाले कुछ गिने चुने गीतों को बरसों सुनते रहने के बाद उन्होंने कुछ नया सुनने के इरादे से अपनी इस परिकल्पना को मूर्त रुप दिया. उन्होंने 101 कविताओं वाली ‘‘गांधी शतदल’’ किताब के साथ अपनी परियोजना की शुरुआत की.उन्होंने बताया कि सात संगीतकारों ने 15 घंटे की इस अलबम में 14 भाषाओं की 108 कविताओं को संगीतबद्ध किया है. 60 संगीतकारों ने परियोजना के लिए काम किया. कल्पना बताती हैं, ‘‘जब हमने काम शुरु किया तो हमारे पास सबसे छोटा गायक 14 वर्ष का और सबसे बड़ा गायक 75 वर्ष का था. हमने इन गीतों के लिए हारमोनियम, तबला और मंजिला तथा देश के विभिन्न भागों के परंपरागत वाद्यों का इस्तेमाल किया है.’’