नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा नेता अरुण जेटली को आश्वस्त किया है कि लोकपाल अध्यक्ष और सदस्यों के पद के लिए आवेदन मांगने संबंधी हाल के विज्ञापन से किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है. विज्ञापन यह सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है कि लोकपाल का गठन जल्द से जल्द हो.राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के एक पत्र के जवाब में सिंह ने जेटली को आश्वस्त किया कि किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है. जेटली ने कहा था कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का विज्ञापन अवैध है, जिसमें लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के पद के लिए आवेदन मांगे गये हैं.
सिंह ने जेटली को लिखे पत्र में कहा कि इस संबंध में जारी विज्ञापन कानून के प्रावधानों और नियमों के तहत है. सिंह ने लोकपाल नियम 2014 के नियम-10 का हवाला भी दिया है. इस नियम को हाल ही में अधिसूचित किया गया है.यह नियम कहता है कि खोज समिति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराये गये व्यक्तियों की सूची से लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक पैनल बनाएगी, जिस पर चयन समिति विचार करेगी. सिंह ने कहा कि उक्त नियम के तहत कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की भूमिका खोज समिति के विचारार्थ व्यक्तियों की सूची तैयार करने तक सीमित है.
उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि आवेदन मांगकर या अन्यथा चयन करने के संबंध में फैसला केवल चयन समिति ही कर सकती है. चयन समिति खोज समिति द्वारा सुझाये गये नामों के अलावा अन्य नामों पर भी विचार करने को स्वतंत्र है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा महसूस किया गया कि विज्ञापन से समय बचेगा और सुनिश्चित होगा कि लोकपाल का गठन जल्द से जल्द हो.