नैनीताल : उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच स्टिंग के सामने आने से राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है. स्टिंग के सामने आने के बाद भाजपा ने आक्रामक रुख दिखाया है. भाजपा के 8 विधायकों ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर स्टिंग की एक कॉपी उन्हें सौंपी और इस मामले में कार्रवाई की मांग की. उधर कांग्रेस ने स्पीकर को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को देहरादून में ही रहने दिया जाए. गौरतलब है मंगलवार (10 मई ) को शक्ति परीक्षण होने वाला है.
Cong writes to #Uttarakhand Speaker requesting that Harish Rawat (summoned by CBI tomm) should stay in Dehradun till floor test is concluded
— ANI (@ANI) May 8, 2016
दोनों पार्टियों ने व्हिप जारी कर रखा है. स्टिंग के सामने आने के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गयी है स्टिंग में हरीश रावत पर विधायकों को खर्चा पानी के नाम पर 25-25 लाख रुपये बांटने का आरोप लगाया गया है. खबर है कि कांग्रेस के बागी विधायक और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने एक निजी चैनल के साथ मिलकर कांग्रेस के द्वाराहाट से विधायक मदन सिंह बिष्ट का स्टिंग करवाया है. इस स्टिंग में द्वाराहाट से विधायक उन विधायकों के नाम बताते दिख रहे हैं जिन्हें हरीश रावत ने अपना समर्थन बनाए रखने के लिए लाखों रुपये दिए हैं. इसमें विधायक मदन सिंह करीब 12 बागी विधायकों को 25-25 लाख रुपये देने की बात कहते नजर आ रहे हैं.
इस संबंध में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चैनल ने हरीश रावत का स्टिंग लोगों के सामने रखा. स्टिंग में कांग्रेस के विधायक मदन सिंह बिष्ट बताते नजर आ रहे हैं कि कैसे हरीश रावत के साथ जोड़े रखने के लिए कांग्रेस और सहयोगी विधायकों को खर्चा पानी के नाम पर 25-25 लाख रुपये की रिश्वत दी गई.
वहीं दूसरी ओर आज हरिश रावत ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2 नौकरशाह जो ऊंचे पद पर हैं वो हमारे विधायकों को ब्लैकमेल कर रहे हैं ताकि हम बहुमत साबित नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि चाहे जितनी भी कोशिश कर ली जाए हम 10 मई को बहुमत साबित करके ही दम लेंगे.10 मई के नतीजे के बाद हम ब्लैकमेल करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ेंगे.इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा है कि मध्य प्रदेश से एक शख्स उत्तराखंड के सियासी माहौल को दूषित कर रहा है. हमने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह कैलाश विजयवर्गीय को वापस बुलाएं.
आपको बता दें कि इससे पहले भी हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आ चुका है. यह स्टिंग उन्हीं की पार्टी के बागी विधायक हरक सिंह रावत ने जारी किया था. इस स्टिंग के जरिए हरक सिंह ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विधायकों को धमकाने का भी आरोप लगाया था.