28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेटली ने कहा, मनमोहन का कार्यकाल अवसर गंवाने वाला रहा

नयी दिल्लीःभाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह केनेतृत्व में संप्रग सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल को ‘अवसर गंवाने’ वाला समय करार दिया और कहा कि सिंह ने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के मोर्चे पर अपनी सरकार की विफलता स्वीकार की लेकिन कोई उपचार नहीं सुझाया. मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी […]

नयी दिल्लीःभाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह केनेतृत्व में संप्रग सरकार के 10 वर्षो के कार्यकाल को ‘अवसर गंवाने’ वाला समय करार दिया और कहा कि सिंह ने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के मोर्चे पर अपनी सरकार की विफलता स्वीकार की लेकिन कोई उपचार नहीं सुझाया.

मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने स्वयं को ‘इतिहास की ढाल’ और ‘समय के आवरण’ के पीछे छिपा लिया.राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि, ‘‘ लोकतंत्र में समय नहीं बताता है, मतदाता बताते हैं. और अगर मतदाताओं के रुख पर ध्यान दें तब कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर है.’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2009 के चुनाव परिणाम को कांग्रेस से भ्रष्टाचार के दाग हटाने के लिए उपयोग किया लेकिन 2013 में विधानसभा चुनावों के परिणामों पर इस तर्क का उपयोग नहीं किया. ‘‘ 2009 के चुनाव परिणाम और 2013 के विधानसभा चुनाव के परिणामों को मापने का प्रधानमंत्री का मापदंड अलग अलग है.’’जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा तर्क दिया है कि चुनाव जीतने से भ्रष्टाचार के आरोप अपने आप में रद्द हो जाते हैं. प्रधानमंत्री का यह तर्क अपराधी भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो चुनाव जीत जाते हैं.. वे कह सकते हैं कि अब वे चुनाव जीत गए है , इसलिए अपराधी नहीं रह गए.

यह पूछे जाने पर कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लिखे पत्र पर प्रधानमंत्री ने यह कहा कि उन्हें इस पर अभी ध्यान देने का समय नहीं मिला, जेटली ने कहा कि वह समझते हैं कि उनका ध्यान का दायरा संकुचित हो गया है.

प्रधानमंत्री के रुप में सिंह के 5-5 वर्षो के दो कार्यकाल के बारे में जेटली ने कहा, ‘‘ इन 10 वर्षो को कार्यकालों में विभक्त करना ठीक नहीं है. भारत जैसे विकासशील देश के लिए इतना समय एक युग की तरह होता है. इसमें आप समाज को एक दिशा दे सकते हैं. इस दृष्टि से यह अवसर गंवाने के समान है.’’ भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु करार को अपनी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि बताने की प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर तंज कसते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ यह परमाणु समझौता उनके कार्यकाल का सबसे निम्न समय था जब इसी सौदे पर सांसदों को रिश्वत देने का मामला सामने आया था.’’ गौरतलब है कि अपनी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को तवज्जो नहीं देते हुए मनमोहन सिंह ने आज कहा कि वह ईमानदारी से मानते हैं कि इतिहास उनके प्रति मौजूदा मीडिया के मुकाबले अधिक दयालु होगा.कमजोर प्रधानमंत्री बताये जाने को लेकर आलोचनाओं का सामना करने वाले सिंह ने कहा कि हालात के अनुसार उनसे जो अच्छा हो सकता था, उन्होंने किया. अब यह तय करना इतिहास का काम है कि उन्होंने क्या किया या क्या नहीं किया.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संवाददाता सम्मेलन की पूर्व संख्या पर भाजपा ने उनसे कुछ सवाल किये थे . इन सवालों में एक यह भी शामिल है कि प्रधानमंत्री इतिहास में अपने कार्यकाल के आकलन के बारे में क्या सोचते हैं.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री से पांच सवाल पूछे थे . उन्होंने सिंह से जानना चाहा था कि उनके विचार से इतिहास प्रधानमंत्री के रुप में उनके कार्यकाल का किस तरह से आकलन करेगा और क्या वह मानते हैं कि नरसिंहराव सरकार में वित्त मंत्री के रुप में उनका कार्यकाल क्या उन्हें प्रधानमंत्री के रुप में उनके कार्यकाल से अधिक संतुष्टि प्रदान करता है. जेटली ने कहा, ‘‘चूंकि उनकी सरकार को अत्यंत भ्रष्ट माना जाता है, वे क्या मानते हैं कि उन्होंने कब चूक की कि उन्होंने साहसपूर्वक कार्य नहीं किया जबकि स्थिति की ऐसी मांग थी.’’

जेटली ने सिंह से पूछा था कि उन्हें क्या लगता है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में कब ‘‘चूक’’ की जिससे ‘‘निवेश चक्र टूट गया.’’ उन्होंने प्रधानमत्री से यह भी पूछा कि क्या वह प्रधानमंत्री के रुप में अपने कार्यकाल के दौरान स्वयं को ‘‘सीबीआई, सीवीसी, जेपीसी और सिविल सेवाओं जैसे संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का दोषी मानते हैं.’’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें