नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आमरण अनशन के दौरान आत्महत्या का कथित प्रयास करने को लेकर दर्ज मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता शर्मिला इरोम के हाजिर नहीं होने के बाद अब उन्हें 30 जनवरी को पेश होने के लिए आज पेशी वारंट जारी किया. मणिपुर में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने की मांग को लेकर पिछले 12 साल से उपवास कर रहीं मणिपुरी कार्यकर्ता 30 अक्तूबर के आदेश के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुई थीं.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने अगले साल 30 जनवरी के लिए पेशी वारंट जारी किया. अभियोजन पक्ष अदालत में गवाही दर्ज कराएगा. अदालत में शर्मिला के वकील पेश हुए. अदालत ने चार मार्च को 40 वर्षीय शर्मिला के मामले में सुनवाई शुरु की थी. उससे पहले उन्होंने आत्महत्या का प्रयास करने के अपराध की बात नहीं कबूली थी. दोषी पाये जाने पर उन्हें अधिकतम सालभर की कैद की सजा हो सकती है.
आयरन लेडी के नाम से लोकप्रिय ने इस आरोप का खंडन किया था कि उन्होंने यहां जंतर मंतर पर 2006 में आत्महत्या की कोशिश की थी. उन्होंने अदालत से कहा था, ‘‘मैं आत्महत्या नहीं करना चाहती. मेरा अहिंसक प्रदर्शन है. मेरी मांग मानव की भांति जीवन जीना है. मैं जिंदगी से प्यार करती हूं. मैं अपनी जान नहीं लेनाचाहती, मैं तो बस इंसाफ और शांति चाहती हूं.’’