हैदराबाद : हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र द्वारा कथित तौर पर खुदकुशी किये जाने के बाद राजनीति तेज हो गयी है. इसी क्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हैदराबाद पहुंचे. हैदराबाद विश्वविद्यालय में उन्होंने छात्रों से मुलाकात के बाद कहा कि केंद्रीय मंत्री की ओर से दबाव था जिसके कारण इस प्रकार की घटना हुई. राहुल ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों को दबाने की कोशिश हो रही है. इस मामले में वीसी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी. वीसी इतने संवेदनहीन हैं कि उन्होंने अभी तक रोहित के परिवार से मुलाकात तक नहीं की है.
राहुल गांधी ने कहा कि रोहित के परिवार को मुआवजा मिलनला चाहिए. जाति , धर्म, पोशाक के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. इसे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि मैंने हैदराबाद विश्वविद्यालय में जाकर अम्बेडकर छात्र संघ के छात्रों से मुलाकात की. वे विवि परिसर से दलित छात्रों के सामाजिक बहिष्कार और अन्यायपूर्ण निष्कासन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
These students were protesting against the unjust expulsion and social boycott of Dalit students on campus
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 19, 2016
इस मामले में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय और विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है. राहुल के इस दौरे को भाजपा ने जले पर नमक छिड़कने जैसा बताया है.इससे पहले कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पीएम मोदी को मामले पर चुप्पी तोड़नी चाहिए और मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए. कांग्रेस की दलित नेता कुमारी शैलजा ने कहा कि जहां भी दलितों को दबाया जाता है वहां राहुल गांधी जाते हैं और उन्हें न्याय दिलाते हैं.
दलित छात्र खुदकुशी मामले की की आग दिल्ली और मुंबई तक पहुंच गयी है. जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीएम से मामले को लेकर माफी मांगने को कहा है वहीं मुंबई की सड़कों पर छात्र उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस घटना के बाद से ही विवि परिसर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. आज तेलंगाना जागृति युवा मंच के कार्यकर्ता हैदराबाद में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. एफटीआइआइ के छात्र आज इस मामले को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं.
इस मामले मेंहैदराबाद के सांसद और मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पडे हैं. उन्होंने आज इस मुद्दे पर सरकार को आडे हाथ लेते हुए कहा कि रोहित की मौत से पता चलता है कि सरकार का रवैया बेरहम है. रोहित की मौत के पीछे संबंधित केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय का संबंध बताता है कि इनके दिल में लोगों के लिए रहम नाम की चीज नहीं है.
It's not suicide. It's murder. It's murder of democracy, social justice n equality.Modi ji shd sack ministers n aplogoize to the nation(2/2)
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 19, 2016
इस मामले पर राजनीति तेज हो गयी है. केजरीवाल ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि कहा यह खुदकुशी नहीं, यह हत्या है यह हत्या है लोकतंत्र की.केजरीवाल ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी को मंत्री को बर्खास्त करके देश से माफी मांगनी चाहिए.इधर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने छात्र की कथित आत्महत्या में राजनीति होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आयोग इस मुद्दे को मजबूती से उठाएगा.
मामला यह है कि रोहित वेमुला का शव रविवार को छात्रावास के कमरे में लटका मिला था. छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. रोहित का लिखा एक पत्र छात्रावास के कमरे में मिला था. उसने पत्र में लिखा था कि उसकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. मृत छात्र रोहित उन पांच पीएचडी छात्रों में शामिल था, जिन्हें पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केंद्रीय विवि से निलंबित किया गया था. वह एक छात्र नेता पर हमले के मामले में आरोपी भी था. उसे छात्रावास से बाहर कर दिया गया था. रोहित पिछले कुछ दिन से अन्य निलंबित छात्रों के साथ परिसर के दरवाजों के बाहर एक तंबू में सोता था.
विवि के काम में हस्तक्षेप नहीं: स्मृति
दिल्ली में अपने दफ्तर और आवास के बाहर विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहीं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह कोई राजनीतिक बयान नहीं देंगी. तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेंगी. वैसे भी हम विवि के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. उन्होंने मृत छात्र के परिवार के दुख को साझा किया.
दिल्ली में प्रदर्शन, 70 हिरासत में : इस बीच दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर उग्र प्रदर्शन में शामिल करीब 70 छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. आइसा, एसएफआइ व एनएसयूआइ के बैनरतले छात्रों ने मार्च भी निकाला. इस बीच कांग्रेस ने जहां मंत्री को हटाने की मांग की है, तो माकपा ने कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
मामला : प्राथमिकी में केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय, कुलपति राव, विधान परिषद सदस्य रामचंद राव और छात्र सुशील कुमार व राम कृष्ण के नाम हैं. पुलिस के अनुसार आइपीसी की धारा 306( आत्महत्या के लिए उकसाना व अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति-अत्याचार रोकथाम अधिनियम) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.
दत्तात्रेय पर आरोप : आरोप है कि दलित छात्रों के खिलाफ दत्तात्रेय के कहने पर भेदभाव किया गया. नतीजतन छात्र को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. चर्चा यह भी है कि दत्तात्रेय ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखकर इन छात्रों के कथित ‘राष्ट्रविरोधी कृत्यों’ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
छात्रों ने की मंत्री व वीसी को पद से हटाने की मांग
पांच निलंबित छात्रों में शामिल डॉ प्रशांत ने कहा कि दत्तात्रेय को कैबिनेट से हटाया जाना चाहिए. रामचंद्र राव की विप की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए. कुलपति को बरखास्त किया जाये. इधर, छात्रों ने रोहित के किसी भी परिजन को नौकरी देने के साथ परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है. वहीं रोहित के परिजन को नौकरी देने के साथ 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है.
मैं पद छोड़ने को तैयार: वीसी
कुलपति अप्पा राव ने कहा कि अगर अधिकतर छात्र, शिक्षक और प्रशासनिक कर्मी चाहेंगे, तो वह पद छोड़ देंगे. उनके मामले में आने से काफी पहले इन दलित विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. वह सजा कम करने के लिए शिक्षकों के साथ काम कर रहे थे.
वीसी ने नहीं दिया ध्यान: प्रो दीपा
हैदराबाद विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर दीपा श्रीनिवास ने कहा कि निलंबित छात्र पिछले 15 दिन से हड़ताल पर थे. रोहित ने 18 दिसंबर को वीसी को पत्र लिखा था, जिसे कुलपति को वह समझना चाहिए था. विवि में दलित छात्रों द्वारा आत्महत्या करने का इतिहास रहा है. ऐसे में संवेदनशीलता जरूरी थी.
मैंने ज्ञापन भेजा, कार्रवाई का पता नहीं: दत्तात्रेय
कथित खुदकुशी पर अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि मामले से उनका कोई लेनादेना नहीं है. विवि में असामाजिक, राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चल रहीं हैं. एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पीटा गया. उस समय एबीवीपी छात्रों ने ज्ञापन दिया था. मैंने ज्ञापन एचआरडी मंत्रालय को भेज दिया था. मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कार्रवाई की. मेरा इस घटना से कोई लेनादेना नहीं है.