नई दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा सर्वोच्च स्तरों पर बार बार आश्वासन दिए जाने और मुंबई आतंकी हमलों की पाकिस्तान में की जा रही जांच के सिलसिले में भारत द्वारा व्यापक सहयोग दिए जाने के बावजूद इस हमले के दोषियों और षड्यंत्रकारियों को जल्द सजा दिलाने की दिशा में विश्वसनीय प्रगति नहीं हुई है.
विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने आज राज्यसभा को संजय राउत के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस हमले के दोषियों और षड्यंत्रकारियों को जल्द सजा दिलाने की दिशा में विश्वसनीय प्रगति न होने के बारे में केंद्र ने कई बार पाकिस्तान को सूचित किया है.
अहमद के मुताबिक, इनमें वह मुकदमा भी शामिल है जिसमें पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत में सात संदिग्धों के खिलाफ सुनवाई हो रही है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय रुप से किए गए राजनयिक उपायों के फलस्वरुप संयुक्त राष्ट्र अलकायदा तथा तालिबान प्रतिबंध समिति ने सुरक्षा परिषद संकल्प 1267 के तहत पाकिस्तान में रह रहे कुछ लोगों और निकायों को सूचीबद्ध किया। इनमें आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के नेता भी शामिल हैं. जमात उद दावा को भी लश्कर ए तैयबा के सहयोगी के तौर पर सूचिबद्ध किया गया.