* विपक्ष ने की सत्रवधि बढ़ाने की मांग
नयी दिल्ली : गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के 12 दिवसीय संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 38 विधेयक पेश किये जायेंगे. विपक्षी दलों ने सत्र बढ़ाने की मांग सरकार से की है,तो सरकार की ओर से कहा गया कि इस विषय पर विचार करेंगे. संसद सत्र शुरू होने से पूर्व बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, पार्टियों के बीच एक राय है कि सत्र की अवधि बढ़े. हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि राज्यसभा के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ही इस संबंध में सरकार कोई निर्णय लेगी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि शीतकालीन सत्र सुचारु रूप से चले. उनकी सरकार तेलंगाना राज्य बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है. इस बीच विपक्ष ने पहले ही दिन कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का खुलासा करके सत्र के हंगामेदार होने का संकेत दिया है.
* सत्र हंगामेदार होने की आशंका : सरकार की ओर से कहा गया कि वह तेलंगाना विधेयक पेश करने को प्राथमिकता देगी. हालांकि अभी तक यह काम काज में सूचीबद्ध नहीं है. महिला आरक्षण विधेयक और लोकपाल विधेयक भी प्राथमिकता सूची में है उधर, भाजपा व भाकपा ने पहले महंगाई पर चर्चा कराने की मांग की है. समाजवादी पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक और प्रोन्नति में अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को आरक्षण संबंधी विधेयक लाये जाने पर कार्यवाही बाधित करने की धमकी दी है. भाजपा और अगप ने भारत बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते पर संविधान संशोधन विधेयक लाये जाने की योजना का विरोध किया. भाजपा को सांप्रदायिक हिंसा विधेयक पर भी कड़ी आपत्ति है.
* महत्वपूर्ण विधेयक
तेलंगाना, महिला आरक्षण, लोकपाल, प्रोन्नति में अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण, बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता, सांप्रदायिक हिंसा. हालांकि, सांप्रदायिक हिंसा पर सरकार ने अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है.
ज्ञ सत्र को विस्तारित करने की जरूरत है. यह मूर्खतापूर्ण है. 38 विधेयक की सूची के लिए 12 दिन का संसद सत्र अपर्याप्त है. इसमें भी तीन शुक्रवार को गैर-सरकारी काम काज होना है.
गुरुदास दासगुप्त, भाकपा