नयी दिल्ली: भारत की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी रैनबैक्सी द्वारा अमेरिका में मिलावटी दवा बेचे जाने के आरोपों को लेकर करीब 2700 करोड़ रुपये (50 करोड़ डालर) का जुर्माना भरने पर सहमति जताने के बीच दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजिंदर सच्चर ने मांग की है कि भारतीय अधिकारियों को इन दवाओं का यहां इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
सच्चर ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसा कैसे है कि अमेरिकी अधिकारी उन दवाओं को इस्तेमाल के लिए सही नहीं पाते लेकिन हमारा पूरा सरकारी तंत्र इसे अनुमति बरकरार रखता है.’’ उन्होंने दावा किया कि ये दवाएं भारतीय बाजार में उपलब्ध हैं और भारत के दवा नियंत्रक ने उन्हें बेचे जाने की मंजूरी दी है. सच्चर ने दावा किया, ‘‘निश्चित रुप से स्वास्थ्य मंत्रालय और दवा नियंत्रक को जनता की जान खतरे में डालने के लिए उन्हें जवाब देना होगा.’’