मुम्बई : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह दुखद वास्तविकता है कि भारत में महिलाओं को घर और कार्यस्थल पर भेदभाव का शिकार होना पड़ता है और उनका सशक्तिकरण अभी भी दूर की कौड़ी है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे यहां एक महिला राष्ट्रपति रहीं हैं और अब एक महिला लोकसभा अध्यक्ष है, लोकसभा में विपक्ष की नेता महिला हैं और देश में दो राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी की अध्यक्ष एक प्रतिष्ठित महिला नेता है जो हमारे बीच हैं. 50 महिला कारोबारियों के हाल के वैश्विक सर्वेक्षण में चार भारतीय महिलाएं शामिल हैं.’’
देश में केवल महिलाओं के लिए पहले बैंक ‘भारतीय महिला बैंक’ के उद्घाटन से संबंधित समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि यह सब हमारे देश में महिलाओं की औसत वास्तविकता को प्रदर्शित नहीं करता.दुखद वास्तविकता यह है कि भारत में महिलाओं को घर, स्कूल, कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थलों पर कठिनाइयों एवं भेदभाव का सामना करना पड़ता है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण अभी भी दूर की कौड़ी बनी हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां पर नये अभिनव संस्थान की शुरुआत के साक्षी बन रहे हैं. यह बैंक मुख्य रुप से महिलाओं एवं महिला स्वयं सहायता समूह को वित्तीय सेवा मुहैया करायेगा.’’ सिंह ने कहा, ‘‘मैं अपने मित्र और सहयोगी वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनकी टीम को बैंक की परिकल्पना और इतने कम समय में इसे हकीकत बनाने के लिए बधाई देता हूं.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह भी संयोग है कि इस बैंक का उद्घाटन उस दिन हो रहा है जब हमारे देश की महान महिला एवं शीर्षस्थ नेताओं में शामिल इंदिरा गांधी की आज जयंती है. वह हम सब के लिए प्रेरणा का स्नेत रही हैं.’’
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, केंद्रीय मंत्री शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला और प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे. सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम इंदिरा गांधी की जयंती मनाते हैं और इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है लेकिन उनके जीवन और कार्यो को भारतीय महिला बैंक के उद्घाटना से बड़ी कोई और श्रद्धांजलि नहीं हो सकती जो महिलाओं और विशेष तौर पर स्वयं सहायता समूह को वित्तीय सेवा प्रदान करने के मकसद से गठित किया गया है.’’सोनिया ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी जीवन भर देश और लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ीं और उनके हितों की निर्भिकता से रक्षा करती रहीं.’’ बहरहाल, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार लैंगिक भेदभाव को प्रभावी ढंग से समाप्त करने और लोगों को लैंगिक रुप से संवेदनशील बनाने के लिए कानून में संशोधन की प्रक्रिया में है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने 15 राज्यों में ग्रामीण एवं स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीट का विधान किया है और जमीनी स्तर पर भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है. सिंह ने कहा, ‘‘महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भारतीय महिला बैंक एक छोटा कदम है. यह पहल इस उद्देश्य के लिए हमारी गहरी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.’’सरकार ने उषा अनंतसुब्रमण्यम को इस बैंक का पहला आध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनाया है.