ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 801वें उर्स के मौके पर दरगाह परिसर सूफियाना रंग में रंगा नजर आ रहा है. शहनाई वादन और सूफी कलामों पर आशिकान ए ख्वाजा झूमते नजर आ रहे हैं. देश के विभिन्न हिस्सों से आए जायरीनों का दरगाह में दिन भर तांता लगा रहा.
लोग सिर पर मखमल की चादर और अकीदत के फूल लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.
जन्नती दरवाजा साल में चार बार विशेष मौके पर खोला जाता है, इस कारण जायरीनों में जन्नती दरवाजे से गुजरने की होड़ मची रही.यहां इबादत के लिए हजारों की संख्या में जायरीन पहुंच चुके हैं और चौथे दिन भी यह सिलसिला जारी रहा.
अहाता ए नूर में शाही कव्वालों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से आए कव्वाल गरीब नवाज की शान में मनकबत के नजराने पेश करते नजर आए.
वजीर अली दालान के सामने ही बाहर से आए शहनाई वादक सूफि याना कलामों की दिलकश धुनें बिखेर रहे थे.
इससे पहले दोपहर को तेज धूप के बावजूद जायरीन कई किलोमीटर तक पैदल चल कर दरगाह पहुंचे.लोग चादर सिर पर फैलाए और गरीब नवाज की शान में नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे. दरगाह परिसर में अहाता ए नूर ए पायती दरवाजा, जन्नती दरवाजा, महफिल खाना आदि स्थानों पर लोग दुआ में डूबे नजर आए.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की ओर से चादर पेश की जा चुकी हैं.