नई दिल्ली : एक सर्वे में ये पाया गय़ा है कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू की 53 प्रतिशत लड़कियों यौन शोषण का सामना करना पड़ता है, वहीं 21 फीसदी छात्राओं ने खुलासा किया कि उनके रिलेशनशिप में गाली-गलौच होती है. देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान में कुछ महिनें पहले एक लड़के द्वारा एक लड़की पर जानलेवा हमला करने की घटना सामने आई थी.
इस घटना ने जेएनयू कैंपस में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे. इसी के बाद जेएनयू प्रशासन ने कैंपस में महिला सुरक्षा और छात्रों के नजरिये को जानने के लिए एक ऑनलाइन सर्वे कराया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
सर्वे में यह भी सामने आया कि 31 जुलाई को जेएनयू कैंपस में हुई घटना का भी गहरा असर हुआ है. कुल 96 फीसदी छात्र-छात्राओं ने बताया कि 31 जुलाई की घटना आज भी उनके जेहन में जिंदा है, जो अभी भी उनको डराती है. साथ ही 42 फीसदी लड़कियों और 62 फीसदी लड़कों को लगता है कि इस घटना के बाद भविष्य में लड़के और लड़कियों के आपसी संबंधों पर जरूर असर पड़ेगा.
जेएनयू प्रशासन द्वारा कराये गये इस ऑनलाइन सर्वे में कुल 528 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जिनमें ज्यादातर संख्या रिसर्च स्कॉलर छात्र-छात्राओं की रही. हालांकि कैंपस में ही कई संगठन ये भी मानते हैं कि कैंपस में कई घटनाओं के बाद भी महिला सुरक्षा के प्रति जागरुकता लाने में जेएनयू प्रशासन नाकाम रहा है.
हालांकि जेएनयू प्रशासन द्वारा गठित एक 10 सदस्यीय कमिटी ने कैंपस में महिला सुरक्षा और जागरुकता को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है लेकिन कमिटी के सुझावों पर जेएनयू प्रशासन ने अब तक कोई काम नहीं किया है.