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बाबरी विध्वंस के पीछे मुलायम का हाथ:बेनी

लखनऊ : केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर किये गये ताजा हमले में आज उन पर हमेशा साम्प्रदायिक ताकतों का साथ देने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी ही भड़काउ भाषण के मामलों में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की […]

लखनऊ : केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर किये गये ताजा हमले में आज उन पर हमेशा साम्प्रदायिक ताकतों का साथ देने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी ही भड़काउ भाषण के मामलों में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की मदद से बरी हुए.

वर्मा ने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुलायम हमेशा से साम्प्रदायिक ताकतों के साथी रहे हैं. वह बाबरी ढांचा ढहाने की साजिश में भी शामिल थे.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार की मदद से ही भड़काउ भाषण के मामलों में बरी हुए. वर्मा ने कहा कि सरकार के दबाव की वजह से मामलों के सभी गवाह साक्ष्य देने नहीं पहुंचे. इसके अलावा सरकार ने पीलीभीत की अदालत द्वारा वरुण के पक्ष में दिये गये फैसले को चुनौती भी नहीं दी.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी दावा किया कि वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के बाद सपा प्रमुख ने नरेन्द्र मोदी को दोबारा सत्ता में लाने में मदद की थी. उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद मोदी के खिलाफ माहौल बना था और वह चुनाव हार भी जाते. लेकिन उन्होंने (मुलायम) उस विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े किये और उनके लिये प्रचार भी किया. इससे मुस्लिम वोट बंटा और मोदी जीत गये.’’ बाबरी विध्वंस की साजिश में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के शामिल होने का आरोप दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के दामन पर दाग रुपी उस वारदात के पीछे सपा की साजिश भाजपा से मिलकर चुनाव लड़ने की थी. वर्मा ने कहा कि छह दिसम्बर 1992 को ढहाये गये बाबरी ढांचे को 30 अक्तूबर 1990 को मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में ही ध्वस्त किये जाने की साजिश थी और इसके लिये यादव तथा भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के बीच बाकायदा समझौता हुआ था. उन्होंने दावा किया कि देश में साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने वाली आडवाणी की विवादास्पद रथयात्रा भी मुलायम से तय करने के बाद ही शुरु हुई थी.

केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों ने मिल-बैठकर रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे लेने का फैसला किया था. उच्चतम न्यायालय द्वारा सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता करार दिये जाने पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की इस अदालत के प्रति तल्ख टिप्पणियों के बारे में पूछे गये एक सवाल पर वर्मा ने कहा कि कि अगर सरकार बेलगाम हो रही हो तो उच्चतम न्यायालय उसे फटकार सकता है.

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