नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच के सिलसिले में कोयला मंत्रालय के दो पूर्व राज्य मंत्रियों संतोष बगरोड़िया और दसारी नारायण राव के बयान दर्ज किए हैं. सीबीआई सूत्रों ने यह जानकारी दी. इस मामले में जांच एजेंसी 11 प्राथमिकी दर्ज कर उन पर जांच कर रही है.
इनमें से एक प्राथमिकी एएमआर आयरन एंड स्टील कंपनी के खिलाफ है. जिसमें कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के पुत्र आरोपी हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ‘‘एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने 18 सितंबर 2008 को कोयला राज्य मंत्री के साथ उनके कक्ष में मुलाकात की थी , बैठक में कंपनी की ओर से दावा किया गया कि वह कंपनी जायसवाल समूह का हिस्सा नहीं है बल्कि उसके शेयर लोकमत समूह, अभिजीत इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड तथा आईएल एंड एफएस के पास हैं.’’ दोनों मंत्रियों ने कोयला आवंटन घोटाले में अपनी किसी संलिप्तता से इनकार किया है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि इस कंपनी ने यह भी स्वीकार किया है उसे पहले भी पांच कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे. पर उसने बाद के आवेदन के समय उसकी सूचना नहीं थी.
एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है, ‘‘एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड ने अपने आवेदन और फीडबैक फार्म में समूह की अथवा सहयोगी कंपनियों को पहले आवंटित कोयला खानों और आईएल एंड एफएस तथा लोकमत समूह की शेयर भागीदारी से संबंधित तथ्यों को छिपाया था.’’ सूत्रों ने इस बीच, दावा किया कि दोनों के बयान दर्ज किए जाते समय कोयला ब्लॉक आवंटन में राज्य मंत्रियों की भूमिका से संबंधित सभी पहलूओं पर स्पष्टीकरण दिए गए. ये दोनों राज्य मंत्री वर्ष 2006 से 2009 के दौरान कोयला मंत्रालय में थे. इसी अवधि में कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियिमितताओं के संबंध में उनके बयान लिये गए.