नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को उस समय बड़ी राहत मिली जब सीबीआई ने उनके खिलाफ आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति से जुड़ा छह वर्ष पुराना मामला साक्ष्य के अभाव में बंद कर दिया.
सीबीआई ने अपने बयान में कहा, यह आदेश जांच के दौरान एकत्र किये गए साक्ष्यों के पुन:आकलन और उच्चतम न्यायालय के आदेश पर फिर से गौर किये जाने के अनुरुप है. सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा, हम सभी मामलों के बारे में पारदर्शी है जिसमें यह भी शामिल है और किसी तरह के कानूनी जांच परख के लिए तैयार हैं. सीबीआई ने कहा कि इस मामले में प्रारंभिक जांच 2007 में दर्ज किया गया था और वाद एवं समीक्षा याचिका के लंबित मामलों के कारण पहले इसे पूरा नहीं किया जा सका.
एजेंसी ने कहा कि मुलायम सिंह 2007 में जांच में शामिल नहीं हुए, एजेंसी ने उनकी आय का आकलन किया कि उनके बेटे अखिलेश और प्रतीक तथा बहु डिंपल की आय 2.63 करोड़ रुपये है. दिसंबर 2012 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इसमें बदलाव आना चाहिए.
सीबीआई इस फैसले के बारे में अगले सप्ताह उच्चतम न्यायालय को सूचित करेगी. जांच के दौरान एजेंसी ने यादव के परिवार समेत काफी संख्या में लोगों से पूछताछ की और कई दस्तावेज जुटाये.
सीबीआई ने कहा, जांच के दौरान दस्तावेजों, गवाहों के बयानो और संदिग्धों के बयान की सावधानीपूर्वक जांच में मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ संयुक्त रुप से या निजी तौर पर आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोप के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य नहीं सामने आए हैं.
सीबीआई ने कई बिन्दुओं का उल्लेख किया जिसमें यह प्रदर्शित किया जा सके कि 2007 और 2013 के आय से अधिक समपत्ति के आंकड़ों क्यों इतना अंतर क्यों हैं. एजेंसी ने दावा किया कि बडी संख्या में उधार को संपत्ति और खर्च के रुप में दिखाया गया जिससे लेखा दोगुणा हो गया.
सीबीआई ने कहा, इसे अब सही किया गया है. भुगतान किये जाने के बावजूद काफी उधार को सम्पत्ति के रुप में दिखाया गया. सीबीआई ने कहा कि यादव के परिवार को मिले तोहफों को दानदाताओं, बैंक के बयान, आयकर रिटर्न आदि के आधार पर अब विधिमान्य किया गया है जिन्हें आयकर के रुप में पेश दिखाया गया था.
एजेंसी ने कहा कि बड़ी संख्या में व्यय को रिण के भुगतान के रुप में पाया गया. इटावा के सैफई में घर के निर्माण के बारे में कहा कि यह पाया गया कि इस पर 1.41 करोड़ रुपये लागत आई और यादव एवं उनके पुत्र का योगदान 10 प्रतिशत से भी कम है. यह अविभाजित परिवार के मुखिया सुघार सिंह यादव ने बनवाया था.
एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान यादव एवं उनके परिवार के समाजवादी पार्टी और राममनोहर लोहिया ट्रस्ट के नाम पर कथित बेनामी संपत्ति में योगदान की बात स्पष्ट नहीं हुई है. यादव एवं उनके परिवार के सदस्यों के दो शैक्षणिक संस्थानों में हिस्सेदारी होने की बात गलत पायी गई है.
जांच में पाया गया कि पूर्व में आय के रुप में प्रदर्शित 51.85 लाख रुपये की आय मुलायम के रिण से संबंधित थी. अब यह पाया गया है कि तोहफे के तौर पर मिले 79.35 लाख रुपये को आय मान लिया गया. एजेंसी ने कहा, सही किये गए आंकड़े में यादव की आय 51.85 रुपये पाया गया.