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सुरेश राणा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

-राजेन्द्र कुमार- लखनऊः विधानसभा खत्म होते ही सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भाजपा के एक विधायक सुरेश राणा को गिरफ्तार कर लिया. सरकार का दावा है कि कानून से बड़ा कोई नहीं, मुजफ्फरनगर के दंगों में जो लोग भी शामिल रहे हैं, उन्हें हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा.गिरफ्तारी के बाद राणा को कड़ी […]

-राजेन्द्र कुमार-

लखनऊः विधानसभा खत्म होते ही सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भाजपा के एक विधायक सुरेश राणा को गिरफ्तार कर लिया. सरकार का दावा है कि कानून से बड़ा कोई नहीं, मुजफ्फरनगर के दंगों में जो लोग भी शामिल रहे हैं, उन्हें हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा.गिरफ्तारी के बाद राणा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैल कुमारी के सामने प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने उन्हें 20 घंटे की ट्रांजिट रिमाण्ड पर मुजफ्फरनगर पुलिस को सौंप दिया.

शामली के भवन इलाके से विधायक सुरेश राणा को लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में भाजपा दफ्तर के बाहर पकड़ा गया है. उन्हें धारा 188,153क, 353, 435 तथा 7 क्रिमिनल ला एमेन्डमेंट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. राणा की गिरफ्तार के विरोध में भाजपा ने शनिवार को शामली बंद की घोषणा की है. राणा बीते तीन दिनों से विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा था. राणा के अलावा मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर भाजपा विधायक हुकुम सिंह, संगीत सोम, और भारतेंद्र सिंह आरोपी बनाए गए हैं. इनके खिलाफ मुजफ्फरनगर में एफआईआर दर्ज हैं. बसपा सांसद कादिर राणा, बीएसपी विधायक सलीम राणा, जमील अहमद और कांग्रेस नेता सईदुज्जमा सहित कई नेताओं के खिलाफ भी पुलिस ने मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने का केस दर्ज किया हुआ है.

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के दंगे में 44 लोग मारे गए हैं. जबकि 94 गांवों के 42 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. पुलिस ने धारा 144 का उल्लघन कर मुजफ्फरनगर के नंगला मंदौड़ और खालापार क्षेत्र में हुई पंजायत करने और भड़काऊ भाषण देने तथा दंगा भड़काने को लेकर भाजपा, बसपा, कांग्रेस और भारतीय किसान यूनियन के 16 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए. जिनके आधार पर इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अदालत से वारंट जारी किया, लेकिन सदन की कार्रवाई में भाजपा के विधायकों के हिस्सा लेने के चलते इनकी गिरफ्तारी टाल दी गई थी. हालांकि सरकार ने बुधवार को ही सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने पहुंचे भाजपा विधायकों को गिरफ्तार करने की तैयारी की थी पर भाजपा विधायक उमा भारती के विरोध के चलते पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया.

शुक्रवार को जैसे ही सदन खत्म हुआ पुलिस अधिकारियों ने सदन छोड़कर भाजपा दफ्तर पहुंचे सुरेश राणा पर नजर रखी और जैसे ही वह गोमती नगर जाने के लिए भाजपा दफ्तर से बाहर निकल कर कुछ दूर गए पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया. भाजपा विधायक संगीत सोम और भारतेंद्र सिंह ने शुक्रवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया. सूबे के आईजी कानून व्यवस्था आरके विश्वकर्मा का कहना है कि दंगे के आरोपी बनाए गए विभिन्न दलों के नेताओं पर पुलिस की निगाह है और उन्हें जल्दी गिरफ्तार किया जाएगा. सुरेश राणी की गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को शामली बंद के ऐलान को लेकर सख्त सुरक्षा प्रबंध किए जाने का दावा भी विश्वकर्मा ने किया है.

सुरेश राणा ने कहा- मुझ पर धारा 144 तोड़ने का आरोप और 30 पंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. खुद एडीजी (कानून व व्यवस्था) ने बयान दिया था कि कोई भी इस पंचायत में शांतिपूर्वक जा सकता है तो फिर मेरा जाना कैसे धारा 144 तोड़ना हुआ. मैने पंचायत में भारत माता की जय के नारे लगवाए थे. अगर ऐसा करना लोगों को भड़काना है तो आगे भी भड़काता रहूंगा.

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