मुंबई: मशहूर ध्रुपद गायक उस्ताद जिया फरीदुददीन डागर का संक्षिप्त बिमारी के कारण निधन हो गया. वह 80 वर्ष के थे.परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पनवेल के निकट अपने गुरुकुल में कल उनका निधन हुआ.
शानदार ध्रुपदिया गायक उस्ताद जियाउददीन डागर के बेटे फरीदुददीन ने अपने दिबंगत भाई जिया मोहिउद्दीन डागर (मशहूर रुद्र वीणा वादक) के साथ मिलकर ध्रुपद शैली के गायन को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई है. फरीदुददीन का जन्म 15 जून 1932 को राजस्थान के उदयपुर में हुआ था, जहां उनके पिता उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह के दरबार में संगीतज्ञ थे.
फरीदुददीन देश विदेश के कई बड़े उत्सवों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. अपने शानदार कैरियर में इस संगीतकार को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, टैगोर रत्न पुरुस्कार और तानसेन सम्मान सहित कई दूसरे सम्मान से नवाजा जा चुका है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डागर के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है.गहलोत ने जयपुर में अपने संवेदना संदेश में कहा कि ध्रुपद गुरु फरीदुद्दीन डागर ने अपनी कला साधना से नाद ब्रह्म गायकी में अलग मुकाम बनाया. उनके शास्त्रीय गायन क्षेत्र में दिये गये योगदान को सदैव याद किया जायेगा.