नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तेल कंपनी केयर्न इंडिया के अधिग्रहण के लिए अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता समूह और केयर्न के बीच 8.5 अरब डालर के सौदे में दखल देने से इंकार कर दिया है. न्यायालय ने सौदे के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है.
न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और दीपक मिश्रा की पीठ ने आज अपने निर्णय में कहा कि इस सौदे के बारे में भारत सरकार और सरकारी कंपनी ओएनजीसी ने जो फैसला किया, वह बाकायदा सोच विचार कर किया गया था. न्यायालय संबद्ध पक्षों के ऐसे व्यावसायिक निर्णय के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर सकता. न्यायालय ने यह भी कहा है कि इस सौदे के पीछे कोई इतर कारण नहीं है.