बिश्केक : भारत ने सीरिया में संघर्ष पर आज गहरी चिंता प्रकट की और कहा कि विश्व शक्तियों को उस देश में किसी तरह के सैन्य हस्तक्षेप का सहारा नहीं लेना चाहिये. शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘‘भारत सीरिया में चल रहे टकराव से बहुत चिंतित है और वहां तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाये हुये है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगातार सभी पक्षों से हिंसा छोड़ने को कहा है ताकि समावेशी राजनीतिक वार्तालाप के लिए माहौल तैयार हो सके, जिससे सीरिया के लोगों की वैध आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए व्यापक राजनीतिक समाधान का रास्ता निकले.
सीरिया के मामले में किसी भी तरह के बाहरी सैन्य हस्तक्षेप का विरोध करते हुए खुर्शीद ने कहा, ‘‘हम रुस द्वारा पेश किये गये इस ताजा प्रस्ताव से उत्साहित हैं कि सीरिया के रासायनिक हथियार जखीरे को अन्तरराष्ट्रीय नियंत्रण में लाया जाये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रस्ताव भारत के उस सतत रुख का समर्थन करता है कि दुनियाभर से रासायनिक हथियारों का खात्मा होना चाहिये. भारत संयुक्त राष्ट्र के दायरे में इस दिशा में किसी भी कदम को एक रचनात्मक घटनाक्रम के तौर पर देखता है.’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस घटनाक्रम से सीरिया संघर्ष के राजनीतिक समाधान की दिशा में किए जा रहे शांति प्रयासों को बल मिलेगा, जिसमें संघर्षरत सभी पक्षों को बातचीत के लिए राजी करना, सीरिया (जिनीवा 2) पर प्रस्तावित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन जल्द आयोजित करना शामिल है.
राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार द्वारा कथित रासायनिक हमले में 1000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिका सीरिया पर सैनिक हस्तक्षेप के लिए जोर दे रहा है.
खुर्शीद ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों से चिंतित है. उन्होंने कहा, ‘‘हम एससीओ को एक महत्वपूर्ण निकाय के तौर पर देखते हैं जो अफगानिस्तान से संबंधित चुनौतियों पर विचार करने के लिए एक भरोसेमंद वैकल्पिक क्षेत्रीय मंच है.’’
खुर्शीद ने कहा, ‘‘भारत को पक्का विश्वास है कि अफगानिस्तान आने वाले वर्षों में सुरक्षा, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव को सफलतापूर्वक पूरा करेगा और क्षेत्रीय व्यापार एवं पारगमन मार्गों के केंद्र के रुप में अपना ऐतिहासिक स्थान एक बार फिर हासिल करेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि इस दौरान अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान से किए गए सुरक्षा और नागरिक सहयोग तथा उसके आंतरिक मामलों में दखल न देने के संकल्प को पूरा करना होगा.’’ विदेश मंत्री ने कहा कि छह सदस्यीय क्षेत्रीय संगठन का यह शिखर सम्मेलन वैश्विक राजनीति में एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रहा है, जब बहुत से देश हिंसा और टकराव से जूझ रहे हैं.