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शकुंतला गैमलीन के सीएस बनने के बाद केजरीवाल ने एलजी पर दागा लेटर बम, राष्ट्रपति से मिल कहना चाहते हैं अपनी व्यथा

नयी दिल्ली :दिल्ली में मुख्य सचिव की तैनाती को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को औरतानातानी बढ गयी है. मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शकुंतला गैमलीन को कहा है कि वे राज्य के मुख्य सचिव का पद नहीं संभालें. वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है […]

नयी दिल्ली :दिल्ली में मुख्य सचिव की तैनाती को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच शनिवार को औरतानातानी बढ गयी है. मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने शकुंतला गैमलीन को कहा है कि वे राज्य के मुख्य सचिव का पद नहीं संभालें. वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि भाजपा दिल्ली सरकार को रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलाना चाहती है.उधर, तमाम विवादों के बावजूद आज दोपहर में शकुंतला गैमलीन ने राज्य के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया. वहीं, एक अन्य आइएएस अधिकारी परिमल राय ने मुख्य सचिव पद ग्रहण करने से इनकार कर दिया.

उधर, अरविंद केजरीवाल ने शकंुतला गैमलीन के द्वारा मुख्य सचिव का पदभार संभालने के बाद इस मामले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने का समय मांगा है. केजरीवाल चाहते हैं कि वे राष्ट्रपति से मिल कर उन्हें इस पूरे मामले से अवगत करायें. केजरीवाल ने इस मामले में उप राज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिख कर अपनी तीखी आपत्ति दर्ज करायी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपने एक लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को बाइपास कर फैसला लिया है. उन्होंने लिखा है कि आपसे आग्रह है कि आप संविधान के दायरे में रहें. हो सकता है कि आप पर राजनीतिक दबाव हो, लेकिन आप निरपेक्ष होकर अपनी ड्यूटी करें.

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है, ऐसी स्पष्ट प्रक्रिया के बावजूद, आपने न सिर्फ कानून का पालन नहीं करने का विकल्प चुना बल्कि सरकार पर नियंत्रण करने की कोशिश की और प्रधान सचिव :सेवाएं: से आदेश को सीधे तामील करा लिया, जिनके बारे में मेरा मानना है कि आपकी सहमति से काम करने में वह शामिल थे. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि यह लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित सरकार को निष्प्रभावी करने के लिए और दिल्ली का प्रशासन सीधे अपने हाथ में करने के लिए यह बहुत बारीक आवरण से ढका हुआ प्रयास है.

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केजरीवाल ने गैमलिन को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उनकी नियुक्ति स्थापित नियम के खिलाफ है. इसके मद्देनजर उन्हें कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार नहीं संभालना चाहिए. केजरीवाल का यह कदम ऐसे समय आया है जब उपराज्यपाल ने कल 1984 बैच की आईएएस अधिकारी गैमलिन को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा. इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने जंग को पत्र लिखकर दावा किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय का एक वरिष्ठ नौकरशाह उन पर दबाव बना रहा है कि वह बीएसईएस डिस्कॉम्स से कथित नजदीकी के चलते पद की दौड में शामिल न हों. जंग के कदम की आलोचना करते हुए आप सरकार ने कल कहा था कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अनदेखी नहीं कर सकते और उन्होंने ‘‘संविधान, जीएनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट तथा कामकाज से जुडे नियमों’’ के विपरीत काम किया है.

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने अरविन्द केजरीवाल सरकार की कडी आपत्तियों के बावजूद शुक्रवार को वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को राज्य सरकार की कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया था, जिसे खुले टकराव के रूप में देखा जा रहा है. केजरीवाल की सरकार ने इस निर्णय को असंवैधानिक करार दिया है.

उपराज्यपाल ने 1984 बैच की आईएएस अधिकारी शकुंतला को मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. इससे कुछ समय पहले महिला अधिकारी ने जंग को एक पत्र लिखकर दावा किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने उन पर इस बात के लिए दबाव डाला है कि वह इस पद की दौड में शामिल नहीं हों क्योंकि उनकी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के साथ कथित रुप से नजदीकी है.

मुख्य सचिव के के शर्मा निजी यात्रा पर अमेरिका गये हैं जिसके चलते सरकार को एक कार्यवाहक मुख्य सचिव तैनात करना था. गैमलिन वर्तमान समय में उर्जा सचिव के रूपमें कार्यरत हैं. इस कदम की आलोचना करते हुए आप सरकार ने कहा कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार एवं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अनदेखी नहीं कर सकते तथा उन्होंने संविधान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार कानून तथा कामकाज संचालन नियमों के विरुद्ध काम किया है.

जंग ने आप सरकार के आरोपों का तुरंत यह कहते हुए खंडन किया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 एए के तहत उपराज्यपाल दिल्ली में राज्य प्राधिकारी का प्रतिनिधि होता है. उपराज्यपाल के कार्यालय के एक बयान में कहा, कार्यावाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति की फाइल 13 मई की शाम में उपराज्पाल को सौंपी गई जिसे तत्काल मंजूरी दे दी गई. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित नाम के वितरीत शकुंतला गैमलिन के नाम यह विचार करते हुए मंजूरी दी कि वह वरिष्ठ हैं और उनकी पिछली उपलब्धियां साबित हुई हैं.

बयान में कहा गया, मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित नाम सेवा विभाग की ओर से दिये गए नामों की सूची में नहीं था और संबंधित अधिकारी को दिल्ली सरकार द्वारा अभी तक तैनाती नहीं दी गई है. इसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल को सौंपी गई फाइल में ऐसा कुछ भी नहीं था जो यह संकेत देता हो कि सरकार का गैमलिन के खिलाफ कुछ था और उन्हें इस बात का खेद है कि एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम इस तरीके से सार्वजनिक किया जा रहा है और वह भी एक महिला अधिकारी का जो कि पूर्वोत्तर की रहने वाली हैं.

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