नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सात सौ रुपए की लूट के लिये एक युवक की सात साल की कैद की सजा बरकरार रखी है. अदालत ने कहा है कि इस व्यक्ति ने लूटपाट के दौरान पीड़ित को बुरी तरह जख्मी भी किया था.न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अभियुक्त सागर की अपील खारिज कर दी. अदालत ने पीड़ित के बयान और शिनाख्त परेड रिपोर्ट पर भरोसा किया. शिनाख्त परेड में पीड़ित ने अभियुक्त की पहचान कर ली थी.
अदालत ने अभियुक्त के कब्जे से सात सौ रुपए के साथ ही एक देसी पिस्तौल और चाकू बरामद होने के तथ्य को भी स्वीकार कर लिया है. अदालत ने कहा कि पीड़ित पर हथियार से किये गये जख्मों से सहज ही यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह खतरनाक था. अभियोजन के अनुसार पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास थाना क्षेत्र में चांद बाग पुलिया के निकट 10 नवंबर, 2009 को सागर ने अपने साथी अलाउद्दीन के साथ चाकू से हमला करके पीड़ित से सात सौ रुपए लूट लिये थे.
अभियोजन के मुताबिक इस लूटपाट के दौरान उन्होंने पीड़ित को जख्मी भी कर दिया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत ने सह आरोपी अलाउद्दीन को सूबतों के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया था लेकिन सागर को 22 जुलाई, 2010 को लूटपाट का दोषी ठहराते हुये उसे सात साल की कैद की सजा सुनायी थी.