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संसद में मोगा पर महाभारत, विपक्ष ने कहा बरखास्त हो पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार

नयी दिल्ली : संसद में आज कांगे्रस के नेतृत्व में विपक्ष ने पंजाब के मोगा बस कांड का मुद्दा उठाते हुए संबंधित बस मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कडी कार्रवाई करने और राज्य की अकाली दल-भाजपा सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा […]

नयी दिल्ली : संसद में आज कांगे्रस के नेतृत्व में विपक्ष ने पंजाब के मोगा बस कांड का मुद्दा उठाते हुए संबंधित बस मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कडी कार्रवाई करने और राज्य की अकाली दल-भाजपा सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में शून्यकाल में कार्यवाही दस-दस मिनट के लिए दो बार स्थगित की गयी. लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिन्दर सिंह ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि मोगा में चलती बस में छेडछाड की शिकार किशोरी को बस से धक्का दिए जाने और बाद में उसकी मौत होने की जो घटना हुई है वह प्रदेश की बिगडती कानून व्यवस्था की स्थिति की परिणति है.
संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संसदीय नियमों के अनुसार एक ही सत्र में एक मुद्दे को दो बार नहीं उठाया जा सकता और सदन में यह मुद्दा पहले ही उठ चुका है.
अमरिन्दर सिंह ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि राज्य में आज कानून व्यवस्था की हालत यह है कि पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि बस चालकों द्वारा की गयी सडक दुर्घटनाओं में दस लोग मारे गए हैं लेकिन बस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि बसें लोगों को रौंद रही हैं लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
अमरिन्दर ने कहा कि इन सडक हादसों में एक डीआईजी और एक एएसआई भी घायल हुए हैं.शिरोमणि अकाली दल के सदस्य अमरिन्दर सिंह के आरोपों का विरोध करते देखे गए.
राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मुद्दे को सदन में उठाये जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह राज्य का मामला है. इसे सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि इस मामले में पंजाब की राज्य सरकार ने पूरी गंभीरता एवं ईमानदारी से कार्रवाई की है.
उपसभापति पी जे कुरियन ने इस मुद्दे पर अग्रवाल के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया.
इसी बीच, भाजपा के विनय कटियार अपने स्थान पर खडे होकर अपनी बात रखने की मांग करने लगे. उपसभापति ने उन्हें इसकी इजाजत देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि जब इस प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं हो रही तो उन्हें भी कुछ नहीं कहना चाहिए.
बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर कटियार ने आसन के समक्ष जाकर अपना विरोध जताना शुरु कर दिया. इस पर नकवी उनके पास गये और उन्हें समझा बुझा कर उनके स्थान पर वापस लाये.
इससे पहले जदयू के शरद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केंद्र सरकार द्वारा पहले नेपाल के जनकपुर में जाने की अनुमति देने और बाद में इजाजत को रद्द करने का मुद्दा उठाते हुए इस पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के साथ नेपाल यात्रा को लेकर ऐसा मामला पूर्व में भी एक-दो बार हो चुका है.
उन्होंने कहा कि सरकार को यह मामला संज्ञान में लेते हुए इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.यादव ने यह मुद्दा उठाने के बाद कहा कि वह अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव पर जोर नहीं दे रहे हैं.
भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के कई सदस्य इस मुद्दे को सदन में उठाने का इस आधार पर कडा विरोध कर रहे थे कि यह राज्य का विषय है और इसे उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
शून्यकाल शुरु होते ही कांगे्रस की अंबिका सोनी, अश्विनी कुमार और आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह एक बेहद गंभीर एवं चिंताजनक मामला है. कांगे्रस सदस्यों ने कहा कि इस मामले में केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने यह भी मांग की कि बस के मालिकों को दंडित किया जाना चाहिए.
माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है तथा सदन में इसे उठाने की इजाजत दी जानी चाहिए. उन्होंने भाजपा एवं अकाली दल के सदस्यों द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने का विरोध करने पर कहा कि महिला उत्पीडन राज्य का विषय नहीं हो सकता है और इसे संसद में उठाया जाना पूरी तरह से जायज है.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस मामले में शामिल बस राज्य सरकार से जुडे लोगों की है. उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार चला रहे हैं, वही इस बस कंपनी के मालिकों में शामिल हैं.
आजाद ने कहा कि राज्य की पुलिस ने उत्पीडन करने वालों को तो पकडा है. लेकिन बस कंपनी के मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने बस मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की.
उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर पंजाब ही नहीं पूरे देश में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि इस घटना में दोषियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई नहीं होने के विरोध में पीडिता लडकी का अंतिम संस्कार उसके गांव वालों ने तीन दिन तक नहीं होने दिया.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पंजाब के मोगा में हुई घटना बेहद चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा कि इस घटना में पीडिता लडकी की मौत हो चुकी है तथा उसकी मां की स्थिति खराब है. उन्होंने पंजाब की अकाली दल-भाजपा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की.
दोपहर 11 बजकर 26 मिनट पर सदन की बैठक दस मिनट के लिए स्थगित कर दी.
इस बीच, उप सभापति पी जे कुरियन ने कई बार इस बात को दोहराया कि सदस्यों को यह मुद्दा उठाने के लिए नियमों के तहत समुचित नोटिस देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सदन सभापति द्वारा शून्यकाल के लिए स्वीकृत किये गये मुद्दो को उठाने देना चाहिए.
कुरियन की इस अपील के बावजूद कांगे्रस के कई सदस्य आगे की पंक्तियों के समीप आकर इस मुद्दे को उठाने की अनुमति देने की मांग करने लगे. इसके विपरीत सत्ता पक्ष के कई सदस्य मांग कर रहे थे कि इसे सदन में उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
बैठक फिर शुरु होने पर कांगे्रस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य इस मुद्दे को फिर उठाने लगे.
हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस मामले को सदन में उठाने की इजाजत देते समय इस बात का ध्यान भी रखा जाना चाहिए कि जिस राज्य का मुद्दा हो, वहां के सत्तारुढ दल के सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए.
इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के सुखदेख सिंह ढींढसा आसन की अनुमति से बोलने के लिए खडे हुए लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी.
सदन में हंगामा थमते न देख कुरियन ने करीब 11 बजकर 50 मिनट पर बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

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