नयी दिल्ली: भारत के लगभग 640 किलोमीटर भूभाग पर चीन के कब्जे की खबरों को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज कहा कि चीन को आशंका है कि सीमा पर आधारभूत संरचना के विकास के संदर्भ में भारत उससे मुकाबले का प्रयास कर रहा है. एंटनी ने संसद में आश्वासन दिया […]
नयी दिल्ली: भारत के लगभग 640 किलोमीटर भूभाग पर चीन के कब्जे की खबरों को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज कहा कि चीन को आशंका है कि सीमा पर आधारभूत संरचना के विकास के संदर्भ में भारत उससे मुकाबले का प्रयास कर रहा है.
एंटनी ने संसद में आश्वासन दिया कि देश के हित सर्वोपरि हैं जिनकी सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.संसद के दोनों सदनों में इस संदर्भ में दिये गयान के बाद राज्यसभा में इस पर मांगे गये स्पष्टीकरण के जवाब में एंटनी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्पष्ट रुप से विभाजित सीमा रेखा नहीं है. दोनों देशों ने अपनी अपनी ओर के भूभाग में अपनी अपनी ‘‘डॉटेड लाइनें’’ तय कर रखी हैं जिसके दायरे में बड़ा भूभाग आता है.
एंटनी ने कहा कि गश्त के दौरान दोनों देशों के सैनिक स्पष्ट सीमांकन न होने की वजह से अक्सर एक दूसरे के भूभाग के सीमाई हिस्से में चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि सीमाई इलाकों के सामरिक महत्व को देखते हुए सरकार वहां अधिकतम अवसंरचनाओं का विकास कर रही है और बीते दस बरस में वहां सड़कें, एयरफील्ड, सैन्य चौकियों से लेकर हर क्षेत्र में अवसंरचनाओं पर बहुत ध्यान दिया गया है. रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने अपनी ओर के हिस्से में अवसंरचनाओं का व्यापक विकास किया है और उसे आशंका है कि सीमा पर आधारभूत संरचना के विकास के संदर्भ में भारत उससे मुकाबला करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा ‘‘देर से ही सही, भारत ने भी सीमाई भूभाग में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अवसंरचनाओं का तीव्र गति से विकास शुरु कर दिया है.’’