नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज विपक्षी भाजपा ने कोयला मंत्रालय की महत्वपूर्ण फाइलों के गायब होने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि इस प्रकरण में प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश की जा रही है. मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
भाजपा सदस्यों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री या कोयला मंत्री के बयान की मांग की. विपक्ष की मांग पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ल ने सदन को आश्वस्त किया कि कोयला मंत्री इस संबंध में सदन में बयान देंगे. हालांकि उन्होंने कोई समयसीमा बताने से इनकार कर दिया.
शून्यकाल में भाजपा के धमेंद्र प्रधान ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोयला विभाग की महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गयी हैं. उन्होंने कहा कि पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ. सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारत सरकार क्या छिपाना चाहती है. यह साजिश है. यह प्रधानमंत्री को बचाने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि जब यह घोटाला हुआ था उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के ही पास था.
प्रधान ने सवाल किया कि फाइल गायब होने के लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की जांच कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे में विभाग से जानबूझकर फाइलें गायब की गयी हैं.
सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि फाइल गायब होने के मुद्दे पर सरकार को जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बार सबूत मिटा दिए जाने के बाद कहा जाएगा कि कोई अपराध ही नहीं हुआ. जेटली ने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जिन्हें फायदा हुआ, आवंटन करने वाली स्क्रीनिंग समिति, मंत्री, मंत्री कार्यालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय जांच के दायरे में हैं. प्रधान ने आरोप लगाया कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और जांच में हस्तक्षेप करने पर एक कानून मंत्री को अपना पद छोड़ना पड़ा था. भाजपा की ओर से एम वेंकैया नायडू और राजीव प्रताप रुड़ी ने भी यह मुद्दा उठाया.
इस मुद्दे पर भाजपा सदस्यों के हंगामे पर शुक्ल ने कहा कि अभी मीडिया में छपी रिपोर्ट पर यह मुद्दा उठाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि कोयला मंत्री इस संबंध में बयान देंगे फिर तथ्य सामने आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि वह सदस्यों की बात मंत्री तक पहुंचाकर उनका बयान करायेंगे.
भाजपा सदस्य जब इस मुद्दे पर सरकार के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे तो उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह मुद्दा शून्यकाल में उठाया गया है और इस संबंध में वह सरकार को निर्देश नहीं दे सकते.इस पर भाजपा की नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि आसन को अधिकार है कि वह सरकार को निर्देश दे सकता है. कुरियन ने कहा कि आसन भी नियमों से बंधा हुआ है.