नयी दिल्ली: शपथ-ग्रहण के दो दिनों बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की सेवाएं मांगी हैं. ऐसी चर्चा है कि केजरीवाल सरकार चतुर्वेदी को दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) का प्रमुख नियुक्त कर सकती है.
चतुर्वेदी अभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उप-सचिव के पद पर तैनात हैं. केजरीवाल ने एक विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रुप में चतुर्वेदी की सेवाएं मांगी है. दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा सीधे मुख्यमंत्री के नियंत्रण में काम करती है. केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावडेकर को 16 फरवरी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने इस मामले में उनके दखल की मांग की है.
गौरतलब है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारतीय वन सेवा के सभी अधिकारियों की कैडर नियंत्रण संस्था है. जावडेकर को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा, ‘‘संजीव चतुर्वेदी, भारतीय वन सेवा (हरियाणा कैडर, 2002 बैच), जो अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली के एम्स में उप-सचिव के पद पर तैनात हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी के पद पर उनकी तत्काल जरुरत है.’’
पत्र के साथ अधिकारी की सहमति भी भेजी गई है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘यदि आप व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखेंगे और जल्द से जल्द जरुरी आदेश जारी करेंगे तो मैं कृतज्ञ महसूस करुंगा.’’ सूत्रों ने बताया कि अब जावडेकर को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय और हरियाणा सरकार की मंजूरी लेनी होगी. इसके बाद उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजना होगा.
चतुर्वेदी को पिछले साल विवादित तरीके से एम्स के सीवीओ पद से हटा दिया गया था. भाजपा महासचिव और अब स्वास्थ्य मंत्री बना दिए गए जे पी नड्डा ने पिछले साल कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखकर उप-सचिव एवं सीवीओ दोनों के पद पर चतुर्वेदी की नियुक्ति पर ऐतराज जताया था.
ईमानदार छवि के अधिकारी माने जाने वाले चतुर्वेदी को पद से हटाए जाने के बाद ‘आप’ खुलकर उनके समर्थन में आई थी और आरोप लगाया था कि ‘‘भाजपा के नेताओं के इशारे पर एक ईमानदार अधिकारी को परेशान किया जा रहा है.’’ ‘आप’ ने चतुर्वेदी को पद से हटाने पर तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के इस्तीफे की मांग भी की थी. रविवार को उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह (चतुर्वेदी) यहां आएं. यदि वह आना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर उनके आने से भ्रष्टाचार निरोधक शाखा 100 गुना ज्यादा मजबूत होगी.’’