नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता और सीएम पद के भावी दावेदार अरविंद केजरीवाल के वादे को मोदी सरकार पहले ही पूरा करने का मन बना रही है. खबरों की माने तो वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामलों की ताजा जांच के लिए सरकार की ओर से एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की तैयारी की जा रही है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कदम ऐसे समय आया है जब उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश :सेवानिवृत्त: जी पी माथुर के नेतृत्व में गृह मंत्रालय की ओर से नियुक्त एक समिति ने अपनी रिपोर्ट सप्ताह भर पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी थी. उस रिपोर्ट में सिख विरोधी दंगा मामलों की एसआईटी से ताजा जांच की सिफारिश की गई थी.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय दिल्ली विधानसभा चुनाव समाप्त होने का इंतजार कर रहा था क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आदर्श चुनाव संहिता लागू थी और ऐसी घोषणा नहीं की जा सकती थी. सिख विरोधी दंगा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद भडका था। इसमें कुल 3325 लोग मारे गए थे जिसमें से 2733 लोग दिल्ली में मारे गए थे। भाजपा ने पूर्व में सभी सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच की मांग की थी.