नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन पर उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के कथित बयान को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में ‘‘गैरजिम्मेदार मंत्रियों का एक समूह’’ है जिनका अपनी वाणी पर कोई नियंत्रण नहीं है.
कोयला मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में गैरजिम्मेदार मंत्रियों का एक समूह है जिनका अपनी वाणी पर कोई नियंत्रण नहीं है. उन पर नियंत्रण रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. मैं पढ़ता रहता हूं कि उत्तर प्रदेश में शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें संयम बरतने की सलाह देता है.’’नोएडा में रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा में आयी अधिकारी नागपाल के निलंबन पर खान ने एक टीवी चैनल से कहा था, ‘‘ राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट लो.’’नागपाल का निलंबन वापस लिए जाने की बढ़ती मांग के बीच जायसवाल ने कहा कि अगर केंद्र को राज्य की ओर से कोई रिपोर्ट मिलती है और नियमों का उल्लंघन पाया जाता है तो वह निश्चित तौर पर संज्ञान लेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत सरकार को नियमों के उल्लंघन के संबंध में राज्य सरकार से कोई रिपोर्ट मिलती है तो वह निश्चित तौर पर इसका संज्ञान लेगी. सरकार को अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.’’जायसवाल ने कहा, ‘‘जबतक हमें कोई रिपोर्ट नहीं मिलती, हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते. प्रावधानों के अनुसार कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को विस्तृत रिपोर्ट आएगी.’’ उन्होंने गोरखालैंड और विदर्भ के अलावा राज्य को चार हिस्सों में विभाजित किए जाने की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सहित अन्य नेताओं की मांग को उनकी निजी राय बताया. जायसवाल ने कहा, ‘‘राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया जाना चाहिए और उसकी अनुशंसाओं के आधार पर आगे फैसला किया जाना चाहिए.’’