नयी दिल्ली : वर्ष 2008 बटला हाउस मुठभेड़ मामले में दोषी ठहराये गये इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी शहजाद अहमद को दिल्ली की एक अदालत ने आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि चूंकि यह दुर्लभ में दुर्लभतम मामले की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री ने पुलिस अधिकारी एमसी शर्मा की हत्या और दो अन्य पुलिसकर्मियों को घायल करने के दोषी शहजाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. शहजाद पर 95 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है. अदालत ने कहा कि जुर्माने की इस राशि में से 40 हजार रुपये शर्मा के परिवार को दिये जायें.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की एक टीम को 19 सितंबर 2008 को खुफिया खबर मिली थी कि राजधानी में 13 सितंबर 2008 श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में कथित रुप से शामिल आतंकवादी दक्षिण दिल्ली में जामिया नगर के बटला हाउस के फ्लैट में छिपे हैं. इसके बाद इस टीम ने वहां छापा मारा था. अदालत ने 25 वर्षीय शहजाद को इस दौरान हुई मुठभेड़ के लिए दोषी ठहराया गया था.
अदालत ने पुलिस के शहजाद को मृत्युदंड देने का अनुरोध खारिज करते हुए कहा कि यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि इस मामले की परिस्थितियां दुर्लभतम नहीं हैं. न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले के तथ्यों और दोषी की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मुङो इसकी परिस्थितियां दुर्लभतम नहीं लगतीं और इसलिए यह दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता है और दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता.