देहरादून: भाजपा नेता बी सी खंडूड़ी ने भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ के मुद्दे को हल्के में लेने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की और आगाह किया कि इस संबंध में किसी तरह की ढील से सीमा पर 1962 के जैसे हालात बन सकते हैं.
सेवानिवृत्त मेजर जनरल खंडूड़ी ने कहा, ‘‘चीनी सैनिक भारतीय सीमा में 19 किलोमीटर तक घुस आये हैं और प्रधानमंत्री कहते हैं कि यह स्थानीय समस्या है और घुसपैठ की समस्या नहीं है. इस तरह का रवैया देश के लिए ठीक नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि 1962 के चीन-भारत युद्ध से पहले तिब्बत में भारत की सीमाओं के करीब चीन के बुनियादी ढांचे और सैन्य निर्माणों की तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने अनदेखी की थी. इतनी बड़ी तादाद में चीनी सैनिकों के इस बार भारतीय सीमा में घुसपैठ को हल्के में लेने से फिर से वैसे ही हालात बन सकते हैं और देश के लिए महंगा साबित हो सकता है.
खंडूड़ी ने कहा, ‘‘चीन ने 1962 के युद्ध से बहुत पहले ही तिब्बत में भारतीय सीमाओं के करीब हवाई पट्टियों, हैलीपेड और सड़कों का निर्माण शुरु कर दिया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने इन सब को अनदेखा कर दिया.’’ पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अंतत: चीन ने हम पर हमला कर दिया और हम हार गये. देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ी.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मुद्दे को पूरी तरह गंभीरता से लेना चाहिए. खंडूड़ी के मुताबिक इस संबंध में सरकार की ओर से थोड़ी भी ढील भारतीय सैनिकों के मनोबल को गिरा देगी और सीमाओं पर हालात को बिगाड़ देगी.