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नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय तकिया और गद्दे बनाने में इस्तेमाल होने वाले फ्लेक्सिबल स्लैबस्टाक पालीओल पर सुरक्षात्मक शुल्क लगाने के पक्ष में नहीं है. मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया कि इसके आयात से घरेलू उत्पादकों पर असर नहीं पड़ रहा है. चेन्नई स्थित मनाली पेट्रोकेमिकल्स ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले रक्षोपाय […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय तकिया और गद्दे बनाने में इस्तेमाल होने वाले फ्लेक्सिबल स्लैबस्टाक पालीओल पर सुरक्षात्मक शुल्क लगाने के पक्ष में नहीं है. मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया कि इसके आयात से घरेलू उत्पादकों पर असर नहीं पड़ रहा है.
चेन्नई स्थित मनाली पेट्रोकेमिकल्स ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले रक्षोपाय महानिदेशालय (डीजीएस) से संपर्क कर फ्लेक्सिबल स्लैबस्टाक पालीओल (एफएसपी) के आयात पर रक्षोपाय शुल्क लगाने लगाने का अनुरोध किया था. कंपनी ने एफएसपी के बढ़ते आयात से होने वाले नुकसान से घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए शुल्क लगाने की मांग की थी. सस्ते आयात से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए रक्षोपाय शुल्क लगाया जाता है. यह निश्चित समय अवधि के लिए लगाया जाता है.
आयात की जांच के बाद डीजीएस ने कहा कि 2010-11 से 2013-14 के दौरान की गयी जांच से इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि आयात से घरेलू उद्योग को कोई खतरा है और इसीलिए संरक्षण की कोई जरूरत नहीं है. एफएसपी का आयात मुख्य रूप से सिंगापुर, नीदरलैंड, अमेरिकास, कोरिया गणराज्य, थाईलैंड तथा ताइवान से किया जाता है. इस बीच डीजीएस ने रसायन सोडियम डाई क्रोमेट के आयात पर सुरक्षा शुल्क नहीं लगाने की भी सिफारिश की है.

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