नयी दिल्ली : बिहार की राजनीति में एक नए ‘‘पुत्र’’ का आगमन हुआ है और लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान ने अपने पुत्र चिराग को पार्टी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है.पासवान ने आज यहां इसकी घोषणा की. लोजपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें पार्टी नेताओं और कैडरों की भारी मांग के सामने झुकना पड़ा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि अभिनय से राजनीति में आए चिराग को पेश किए जाने से युवा मतदाता पार्टी की ओर आकर्षित हो सकेंगे.
उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण है और चिराग लोजपा के स्टार प्रचारक के रुप में बड़ी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्यों में चुनाव समितियां गठित करने में भी उनकी भूमिका अहम होगी.
पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए चिराग ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गयी है, उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे और बिहार में संगठन को मजबूत बनाएंगे. जब उनसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा के वरुण गांधी के बीच तुलना करने को कहा गया तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया और कहा कि अगर दोनों अच्छा काम कर रहे हैं तो तुलना क्यों की जाए.
यह सवाल किए जाने पर कि युवाओं को आकर्षित करने के लिहाज से क्या चिराग बिहार में राहुल गांधी के लिए चुनौती पेश करेंगे, लोजपा प्रमुख ने कहा कि राहुल गांधी के साथ मुकाबला तभी होगा जब कांग्रेस से मुकाबला होगा. उन्होंने कहा, ‘‘ जब लोजपा और कांग्रेस के बीच कोई मुकाबला नहीं है तो यह सवाल ही कहां है.’’ लोजपा कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने के पक्ष में है क्योंकि उसका मानना है कि कांग्रेस, लोजपा और राजद गठबंधन को लोकसभा चुनावों में जीत मिल सकती है. पार्टी अब तक मुख्य रुप से पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके दो भाइयों रामचंद्र पासवान तथा पशुपति कुमार पारस द्वारा संचालित थी. पारस लोजपा की बिहार इकाई के प्रमुख हैं.