नयी दिल्ली : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनें क्योंकि उनकी धर्मनिरपेक्ष साख नहीं है.
दिग्गज अर्थशास्त्री ने मोदी के शासन के मॉडल को भी अस्वीकार कर दिया और कहा कि गुजरात मॉडल को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में बहुत कुछ करने की जरुरत है. सेन से जब सीएनएन-आईबीएन के एक साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि मोदी उनके प्रधानमंत्री हों तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन्हें नहीं चाहता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक भारतीय नागरिक की हैसियत से मैं अपने प्रधानमंत्री के रुप में मोदी को नहीं चाहता. उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया.’’सेन से जब पूछा गया कि क्यों वह ऐसा नहीं चाहते तो उन्होंने कहा कि वह अल्पसंख्यक समुदाय को ज्यादा सुरक्षित महसूस करने के लिए कुछ कर सकते थे.
उन्होंने कहा, ‘‘नहीं मैं इसे नहीं मानता मुझे नहीं लगता किरिकार्डबहुत अच्छा है. मैं समझता हूं कि असुरक्षित महसूस करने के लिए मुझे अल्पसंख्यक समुदाय का सदस्य होना होगा.’’ सेन ने कहा, ‘‘हम भारतीय ऐसी स्थिति नहीं चाहते जिसमें अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस करें और तर्कसंगत रुप से यह सोचे कि 2002 में उनके खिलाफ संगठित हिंसा हुई है. मैं समझता हूं कि यह एक खौफनाकरिकार्डहै और भारतीय नागरिक के रुप में मैं नहीं समझता कि प्रधानमंत्री जिसका उस तरह कारिकार्डहो.