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मणिपुर के स्कूल में इंसानी खोपडियां मिलने की घटना की जांच की मांग
इंफाल: मणिपुर में एक नागरिक अधिकार संगठन ने एक स्कूल के परिसर से आठ इंसानी खोपड़ी और कंकाल मिलने की घटना की जांच की मांग के लिए एक आयोग गठन करने की मांग की है.इसके साथ ही संगठन ने मांग की है कि मामले की आगे की जांच विशेष जांच दल (एसइटी) द्वारा करवाई जाए. […]
इंफाल: मणिपुर में एक नागरिक अधिकार संगठन ने एक स्कूल के परिसर से आठ इंसानी खोपड़ी और कंकाल मिलने की घटना की जांच की मांग के लिए एक आयोग गठन करने की मांग की है.इसके साथ ही संगठन ने मांग की है कि मामले की आगे की जांच विशेष जांच दल (एसइटी) द्वारा करवाई जाए. सीनियर सिटिजन्स फॉर सोसाइटी, मणिपुर के सचिव खैदम मणि ने कहा ‘हम यहां तोंबीसाना हाई स्कूल कैंपस से आठ इंसानी खोपडियां और कई कंकाल मिलने की घटना की पूरी जांच चाहते हैं.’
उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन करना चाहिए. पूर्वोत्तर में एक जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता मणि ने कहा कि आयोग द्वारा निकाले गए निष्कर्षों के आधार पर पुलिस के महानिरीक्षक या डीआइजी की अध्यक्षता एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सदस्यता वाली एसआइटी से आगे की जांच करवाई जानी चाहिए.
मणि ने आरोप लगाया कि वर्ष 1980 के बाद से अब तक लगभग 20 लोग ‘गायब’ हुए हैं और उसी साल पूरे मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार (असम एवं मणिपुर) कानून 1958 लगाया गया था.
अधिकारियों ने कहा कि बीते 26 दिसंबर को एक पुराने स्कूल के परिसर में निर्माण कार्य के दौरान आठ इंसानी खोपडियां और कई कंकाल बरामद किए गए थे. 1980 के दशक के शुरुआती वर्षों में जब उग्रवादी गतिविधियां राज्य में अपने चरम पर थीं, तब यह स्कूल कुछ केंद्रीय अर्धसैन्य बलों के कब्जे में था.
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