बेंगलूर : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चल रहा चुनाव प्रचार का कार्य आज शाम पांच बजे खत्म हो गया. कुल 223 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. भाजपा उम्मीदवार की मौत के चलते प्रियपटना सीट पर मतदान 28 मई को होगा. पुलिस और चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न करने के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की सत्तारुढ़ भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. कुछ मौकों पर भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे पर छींटाकशी भी की. कांग्रेस ने खनन घोटाला और भाजपा में अंदरुनी कलह के मुद्दे को उठाया जबकि सत्तारुढ़ दल ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया.
कर्नाटक जनहित पक्ष (केजेपी) के नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी चुनाव प्रचार किया. राज्य के कुछ भागों में केजेपी निश्चित तौर पर भाजपा की संभावनाओं पर असर डालेगी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के जद (से) ने भी आक्रामक चुनाव प्रचार किया और पुराने मैसूर क्षेत्र के अपने पारंपरिक गढ़ से बाहर भी प्रभाव फैलाने की कोशिश की. गौरतलब है कि 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 110 सीटें मिली थी जो बहुमत से तीन सीट कम थी. उसे पांच निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार का गठन करना पड़ा था जिन्हें मंत्री भी बनाया गया. कांग्रेस को 80 सीटें मिली थी जबकि जद(से) को 28 सीटें मिली थी.