बेंगलूर: बी एस येदियुरप्पा को पार्टी में वापस लाने की पार्टी के एक वर्ग की कोशिशों में अवरोध खड़ा करते हुए भाजपा ने आज गेंद पूर्व मुख्यमंत्री के पाले में डाल दिया और कहा कि घरवापसी का प्रस्ताव उनकी ओर से आनी चाहिए.
प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक के बाद कर्नाटक मामलों के पार्टी प्रभारी थवर चंद गहलोत ने कहा, ‘‘ चुंकि येदियुरप्पा ने स्वयं पार्टी छोड़ा है, उन्हें प्रस्ताव (पार्टी में वापसी) स्वयं भेजना चाहिए. इसके बाद भाजपा की कोर समिति इसपर चर्चा करेगी.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर फैसला छोड़ दिया गया है.
गहलोत ने कहा कि बैठक के दौरान 2014 के लोकसभा चुनाव और येदियुप्पा की वापसी के विषय पर चर्चा हुई. ‘‘प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि पार्टी के एक वर्ग के नेताओं ने उनसे सम्पर्क किया जो येदियुरप्पा की वापसी की मांग कर रहे थे.’’ यह पूछे जाने पर कि येदियुरप्पा की वापसी से भाजपा को लोकसभा चुनाव में जीत हासिल होगी, गहलोत ने कहा, ‘‘ आप और हम सभी महसूस करते हैं कि अगर हम साथ होते तब स्थितियां बेहतर होती.’’
एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि यह सही है कि पार्टी का एक वर्ग येदियुरप्पा की वापसी का समर्थन कर रहा है जबकि दूसरा वर्ग इसका विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को तभी सुलझाया जा सकता है जब केजेपी के अध्यक्ष इस बारे में प्रस्ताव करेंगे.
येदियुरप्पा की वापसी के बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘ यह व्यक्ति विशेष का सवाल नहीं है. एक बार प्रस्ताव आता है, तक भाजपा संसदीय बोर्ड इस पर चर्चा करेगी और निर्णय लेगी.’’ येदियुरप्पा की वापसी का मुद्दा उस समय जोर पकड़ने लगा था जब पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा, पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली, उमेश कट्टी और वासवराज कट्टी एवं अनय ने जोशी के समक्ष यह विचार पेश किया था.