नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किये जाने की उनकी मांग की राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से की गयी आलोचना पर उन्हें सलाह दी कि वह धोखे और छल जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करें. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हमेशा से अनुच्छेद 370 की विरोधी रही है.
उन्होंने अपनी नवीनतम ब्लॉग पोस्टिंग में कहा, यहां तक कि जवाहरलाल नेहरु और कुछ अन्य नेताओं को छोड़कर कांग्रेस पार्टी भी जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के की कड़ी विरोधी थी.
आडवाणी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की आत्मकथा का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां तक कि वह भी अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे, लेकिन नेहरु के सम्मान की वजह से उन्होंने अपने विचारों को पीछे रखा.
आडवाणी ने अपने ब्लॉग में कहा, राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों पर भाजपा से असहमत होने का पूरा अधिकार है. लेकिन मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वह कभी भी आक्रामक भाषा और धोखे या छल जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करें. आडवाणी ने हाल में कहा था कि अनुच्छेद 370 समाप्त किया जाना चाहिए.
अब्दुल्ला ने इस पर आडवाणी का नाम लिए बिना बेवजह निरस्तीकरण का मुद्दा उछालने के लिए उनकी निंदा की थी. इस मुद्दे पर भाजपा के रुख के लिए धोखे और छल जैसे शब्दों के इस्तेमाल को अत्यधिक अनुचित और अपमानजनक बताते हुए आडवाणी ने कहा कि उनकी पार्टी 1951 में जनसंघ के जन्म के समय से अब तक न केवल स्पष्टवादी और अटल रही है, बल्कि उसके लिए यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष ने अपने प्राणों का बलिदान दिया.