नयी दिल्ली : कुछ समय बाद सीबीआई एक स्वायत्त संगठन होगा, जिसमें सरकार की कोई दखल नहीं होगी. इस बात के शुरुआती संकेत केंद्र सरकार ने दे दिये हैं.
सेवानिवृत्त जजों का एक पैनल इस बात पर नजर रखेगा कि सीबीआई स्वतंत्रतापूर्व काम कर रही है या उसके कामकाज में कोई हस्तक्षेप हो रहा है. इस पैनल को एकांउटिबिली कमेटी कहा जायेगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने दी. उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री पी चिंदबरम के नेतृत्व में गठित मंत्रियों का समूह अपने सभी प्रस्तावों को कैबिनेट के समक्ष रखेगा.
सिब्बल ने बताया कि हम संविधान में वर्णित उस बात को लागू करेंगे कि सीबीआई और अन्य एजेंसियों के कामकाज में कोई दखल न दें, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि ऐसी संस्थाएं स्वतंत्रता के साथ ही जिम्मेदारी के साथ भी काम करें.
उन्होंने बताया कि इस बात का प्रस्ताव दिया गया है कि सीबीआई आर्थिक मामलों में स्वतंत्र हो, साथ ही वह जवाबदेह भी हो, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह हो. सीबीआई को स्वायत्त संस्था बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह में अध्यक्ष चिदंबरम के अलावा सलमान खुर्शीद, सुशील कुमार शिंदे और वी नारायणस्वामी भी शामिल हैं.