मुंबई : परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर भरोसा करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की गला घोंट कर हत्या करने का दोषी ठहराया और निचली अदालत द्वारा उसे सुनायी गयी उम्र कैद की सजा बरकरार रखी.
इस व्यक्ति ने अपनी विवाहित सौतेली बेटी कमल से यौन संबंध बनाने का प्रयास किया था और पत्नी ने उसे रोका था. सबूतों के आधार पर न्यायमूर्ति पी डी कोडे और वी के ताहिलरमानी ने कहा कि अपीलकर्ता राम मुकिंद पुरी को जब पत्नी उज्ज्वला ने बेटी के साथ यौन संबंध बनाने से रोका तो वह चिढ़ गया. पहले भी पुरी कमल के नजदीक जाने की कोशिश करता था और उज्ज्वला उसे रोकती थी जिसकी वजह से उनमें झगड़ा होता था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, कमल को उसके पति ने छोड़ दिया था. वह अपने 4 वर्षीय बच्चे के साथ पुणे जिले के हवेली तालुका में अपनी मां के पास रहती थी. कमल सौतेले पिता की हरकतों पर आपत्ति जताते हुए मां से शिकायत करती थी. उज्ज्वला ने पुरी से साफ कह दिया था कि वह कमल से दूर रहे. यही बात उनके बीच झगड़े का कारण थी.