राजगढ़ : हर ओर पानी की समस्या का असर लोगों की जिंदगी पर साफ नजर आता है. यही कारण है कि बेटियों को शादी में दिये जाने वाले दहेज में पानी भरने के लिए बर्तन सबसे ज्यादा होते हैं. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले और टकनेरी गांव में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.
एक तरफ पानी की समस्या से निबटने के लिए बेटियों को पानी के बर्तन दिये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी जगह दुल्हन के जगह दामाद ही ससुराल में आकर बसने लगे हैं. खिलचीपुर तहसील के सोनकच्छ में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में दिये जाने वाले दहेज में सबसे ज्यादा पानी भरने वाले बर्तनों की तादाद यहां की समस्या को बयां करने वाली है.
दहेज के सामान में पानी भरने के कई पात्र दिये जाते हैं. इसमें तांबे, पीतल और स्टील की गागर के अलावा स्टील की टंकी भी होती है. यहां की महिलाओं का ज्यादातर समय पानी भरने में ही गुजर जाता है.
पति को मायके ही ले आती हैं पत्नियां
अशोकनगर से लगे आदिवासी ग्राम टकनेरी में लड़कियां विवाह के बाद ससुराल में जाकर नहीं बसतीं, बल्किअपने पति को ही मायके ले आती हैं. इस परंपरा के चलते छह परिवारों का यह गांव 20-25 साल में ही तीन सौ परिवारों की बस्ती बन चुका है. गांव की जनसंख्या 690 है, जहां सभी एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं.
गांव में महिलाओं की संख्या 60 फीसदी है. गांव की जिस भी लड़की की शादी होती है, वह एक या दो बार ही अपने ससुराल जाती है. उसके बाद वह अपने पति के साथ गांव में ही बस जाती है.