नयी दिल्ली : नागर विमानन मंत्रालय और कंपनी मामलों के मंत्रालय ने जेट एतिहाद सौदे पर कुछ चिंता जतायी है.
दोनों मंत्रालयों ने अंतत: घरेलू विमानन कंपनी के नियंत्रण को लेकर चिंता जताई है. ऐसे में लगता है कि जेट एयरवेज और एतिहाद को 2,058 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे में स्वामित्व के ढांचे पर नए सिरे से काम करना होगा.
सूत्रों ने बताया कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की शुक्रवार को हुई बैठक में यह मुद्दा उठा था. सौदे के बाद जेट एयरवेज के नियंत्रण को लेकर नागर विमानन मंत्रालय और कंपनी मामलों के मंत्रालय ने चिंता जतायी है. यह सौदा जेट एयरवेज द्वारा अपनी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज को बेचने से संबंधित है. एफआईपीबी ने फिलहाल इस प्रस्ताव को टाल दिया है.
सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू एयरलाइंस में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दिए जाने के बाद से यह विमानन क्षेत्र में सबसे बड़ा विदेशी निवेश का प्रस्ताव है.
घरेलू एयरलाइंस में स्वामित्व तथा नियंत्रण के ढांचे को लेकर मुख्य रुप से चिंता जताई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) पहले ही इस सौदे को लेकर अपनी आपत्ति जता चुके हैं.