नयी दिल्ली: बहुचर्चित कोयला ब्लाक आबंटन घोटाला प्रकरण की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्थिति पर उच्चतम न्यायालय कल विचार करेगा. इस मसले से कानून मंत्री अश्विनी कुमार का भाग्य भी जुड़ा हुआ है क्योंकि यह रिपोर्ट उनके और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा की गयी थी.
इस प्रकरण पर कल होने वाली सुनवाई के दौरान सरकार के दृष्टिकोण को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की कानूनी विशेषज्ञों के साथ गहन मंत्रणा हो रही है. इस सप्ताह अटार्नी जनरल गुलाम ई वाहनवती ने प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की है.
दोनों पक्षों के बीच हुयी बातचीत के बारे में आधिकारिक रुप से कोई जानकारी नहीं दी गयी लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने इस बात पर मंथन किया कि न्यायालय में सरकार को क्या कहना चाहिए जो पहले ही बता दिया गया है कि एजेन्सी क्या कहना चाहती थी और अंतत: प्रगति रिपोर्ट में क्या कहा गया है. जांच एजेन्सी ने पिछले सप्ताह न्यायालय को मूल जांच के विवरण और इसमें किये गये बदलाव के तथ्यों से अवगत कराया था.
न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष होने वाली सुनवाई काफी महत्वपूर्ण हो गयी है क्योंकि स्थिति रिपोर्ट तैयार करने में कथित हस्तक्षेप के बारे में सरकार या कानून मंत्री के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी मंत्रिमंडल में अश्विनी कुमार को बनाये रखना मुश्किल कर सकती है. यह खंडपीठ जांच एजेन्सी की नई स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन करेगी.