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बिहार बीजेपी के मंत्री कल देंगे इस्तीफाः सी.पी.ठाकुर

नयी दिल्ली / पटना :बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी .पी. ठाकुर ने कहा कि शनिवार को बिहार बीजेपी के मंत्री शुशील कुमार मोदी को इस्तीफा सौंपेगी. उन्होंने कहा शनिवार को बीजेपी की होने वाली बैठक में पार्टी ताजा मुद्दों पर चर्चा करेगी. गौरतलब है कि एनडीए के संयोजक और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव […]

नयी दिल्ली / पटना :बीजेपी के वरिष्ठ नेता सी .पी. ठाकुर ने कहा कि शनिवार को बिहार बीजेपी के मंत्री शुशील कुमार मोदी को इस्तीफा सौंपेगी. उन्होंने कहा शनिवार को बीजेपी की होने वाली बैठक में पार्टी ताजा मुद्दों पर चर्चा करेगी.

गौरतलब है कि एनडीए के संयोजक और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव पार्टी की बैठक में शमिल होने के लिए पटना रवाना हो गये हैं.रवानगी से पहले गंठबंधन के भविष्य को लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया. उन्होंने कहा कि पार्टी की बैठक में ही सबकुछ तय होगा. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने से नाराज जदयू के उससे रिश्ते तोड़ देने के संकेत के बीच बिहार के पशु संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया है कि अगर वह इतना ही धर्मनिरपेक्ष थे तो उन्होंने वर्ष 2002 में (गुजरात दंगों के समय) अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया.

मोदी के समर्थक माने जाने वाले गिरिराज ने आज आरोप लगाया कि बिहार में सरकार चलाने के लिए बहुमत होने को देखते हुए नीतीश ने छद्म धर्मनिरपेक्षता का सहारा लिया है.उन्होंने नीतीश पर मुख्यमंत्री बनने और सत्ता का मेवा खाने के लिए भाजपा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

गिरिराज ने कहा कि गुजरात की घटना (दंगे) और मोदी पिछले एक दशक के दौरान नीतीश को कभी भी नहीं चुभे पर राजग से नाता तोड़ने के लिए उन्हें यकायक उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि की चिंता हुई.

जदयू के राजग से नाता तोड़ने के निर्णय को अवसरवाद की संज्ञा देते हुए गिरीराज ने कहा कि प्रदेश की 11 करोड़ जनता ने जो जनादेश दिया था उसके तहत बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार बहुत सहज तरीके चल रही थी ऐसे में इस राजनीतिक बदलाव की कोई जरूरत नहीं थी.

गिरिराज ने कहा कि वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया था अकेले मुख्यमंत्री या जदयू को नहीं दिया था, बल्कि राजग में शामिल भाजपा और जदयू दोनों को दिया था.

भाजपा-जदयू में किचकिच, फैसला शाम को शरद करेंगे

बिहार में जल्दी ही सत्ताधारी गंठबंधन में होने जा रहे अलगाव की संभावनाओं के बीच राज्य में राजग के संयोजक नंद किशोर यादव और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने से इनकार कर दिया.

गंठबंधन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जदयू की कोर समिति की बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर चल रही है. राज्य में जदयू के अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह और पार्टी के कई अन्य शीर्ष नेता इस बैठक में भाग ले रहे हैं.

बिहार में राजग के संयोजक और राज्य में सड़क निर्माण मंत्री यादव ने बताया, हम राज्य के नेता हैं और हमें प्रधानमंत्री पद के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है. इस पर सिर्फ हमारे राष्ट्रीय नेता ही बात कर सकते हैं. यादव और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आज सुबह की इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से निमंत्रण भेजा गया था.

यादव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, नितिन गडकरी समेत हमारे राष्ट्रीय नेता आपसे व शरद यादव से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी समेत राजनीति के बड़े मुद्दों पर बात करते रहे हैं. यह मुद्दा हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता इसलिए मिलने का कोई सवाल ही नहीं है.

यादव का यह बयान मीडिया में आई उन खबरों के बाद आया है, जिसमें नीतीश कुमार के हवाले से कहा गया है कि भाजपा को सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा करनी चाहिए कि 2014 के चुनावों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे.
इसी बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री ने अपनी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल बंद कर अपने निजी वाहन का उपयोग शुरु कर दिया है.

मोदी से संपर्क करने के प्रयास किए गए लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला. जदयू ने कल कहा था कि भाजपा में नरेंद्र मोदी का ओहदा बढ़ने से गंठबंधन में समस्याएं और कठिनाइयां पैदा हो गयी हैं.

जदयू की शर्त, मोदी न हो पीएम कैंडिडेट

भाजपा-जदयू गंठबंधन के भविष्य का फैसला आज हो सकता है. आज यहां जदयू नेताओं की बैठक होगी. इस बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव भी शामिल हो रहे हैं. एक अखबार के अनुसार जदयू ने भाजपा के सामने यह शर्त रखी है कि वे मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनायेंगे. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया है कि कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में एकता जरूरी है.

सुषमा ने लिखा है कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी राजग एकजुट हुआ है, तब कांग्रेस की पराजय हुई है. इसलिए हमें इस गठबंधन को टूटने से बचाने के सभी संभव प्रयास करने चाहिए. उन्होंने लिखा है कि भाजपा आज भी दोनों दलों के बीच की खाई पाटने के लिए प्रयासरत है.

जद यू ने कहा, दिक्कतें हैं गठबंधन में

जनता दल (यू) के इस बयान से बिहार में सत्तारुढ़ गठबंधन शुक्रवार को टूट की तरफ बढ़ता प्रतीत हुआ कि भाजपा में नरेन्द्र मोदी की भूमिका बढ़ाए जाने से ‘‘समस्याएं’’ और ‘‘दिक्कतें’’ पैदा हो गई हैं. सत्तारुढ़ गठबंधन में यह टूट संभवत: रविवार को अंजाम पाए.

बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पार्टी प्रमुख शरद यादव समेत शीर्ष जद (यू) नेता की रविवार को पटना में बैठक में शामिल होने की उम्मीद है जिसमें भाजपा के साथ अपने गठबंधन के भविष्य पर फैसला किया जाएगा.

जद यू ने यह कहते हुए भाजपा के साथ अपना अलगाव जल्द होने का एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिए कि समस्याएं हैं और हालात ‘‘कठिन’’ हैं. इस बीच एक वरिष्ठ जदयू नेता ने भाजपा पर हमले किए.

जहां जद यू पर भाजपा की बिहार इकाई ने हमले किए, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कहा कि विपक्षी एकता के हितों में ओर जनमत के सम्मान के तहत वह गठबंधन जारी रखना चाहते हैं.

उधर कटिहार जिला में अपनी सेवा यात्रा पूरी कर पटना लौटे नीतीश से यह पूछे जाने पर कि भाजपा के साथ 17 साल पुरानी उनकी दोस्ती क्या अब टूटने वाली है उन्होंने कहा ‘अब जो हालात हैं वह (गठबंधन बनाए रखने के लिए) कठिन हैं और इस कठिन हालात में क्या करना है यह फैसला करना है’. पटना पहुंचे नीतीश ने इस कठिन हालात पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को यहां एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर जदयू के कोर ग्रुप के साथ विचार-विमर्श किया. जदयू की इस कोर ग्रुप की बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, नीतीश के विश्वस्त माने जाने वाले राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह, बिहार सरकार में जदयू के मंत्री विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव एवं श्याम रजक तथा सांसद अली अनवर मौजूद थे. नीतीश ने वर्तमान परिस्थिति को एक शेर की शक्ल में बयान करते हुए कहा ‘दुआ करते हैं जीने की, दवा करते हैं मरने की, दुशवारी का सबब यही है’.

मुख्यमंत्री ने यह बात इस सवाल के जवाब में कहीं कि क्या यह जद यू और भाजपा के बीच 17 साल के गठबंधन का अंत होने जा रहा है. नीतीश के आवास पर संपन्न इस बैठक के बारे में अधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं दी गयी है पर यह कहा जा रहा है कि बैठक के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद भाजपा और जदयू के अलग होने को लेकर नीतीश ने जदयू के कोर ग्रुप के साथ विचार-विमर्श किया. बिहार सरकार में जदयू के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि भाजपा के साथ तलाक के कागजात तैयार हो चुके हैं और इसकी घोषणा पार्टी के भीतर विचार-विमर्श किए जाने के बाद की जाएगी. भाजपा और जदयू के रिश्ते पर फैसला लिए जाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव कल शाम पटना आने वाले हैं.

भाजपा के साथ अलग होने को लेकर जदयू की यह महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को होने और रविवार को निर्णय लिए जाने की संभावना जतायी जा रही है. इस बीच, बिहार विधानसभा में जदयू के मुख्यसचेतक श्रवण कुमार ने बताया कि जदयू विधायक दल की कोई बैठक नहीं बुलायी गयी है पर विधायकों से संपर्क में रहने को कहा गया ताकि वे कम समय में सूचित किए जाने पर वे तुरंत पटना पहुंच सके. भाजपा ने जदयू के साथ सौहार्द्र का वातावरण खत्म हो जाने का संकेत देते हुए जदयू पर आरोप लगाया कि रास्ता अलग होने की स्थिति में मदद करने के लिए करीब 9 विधायकों को प्रलोभन दिया गया है. भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने के लिए आगामी 23 जून को पटना आ रहे उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के लिए स्थान नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बीच, गठबंधन को बचाने के लिए भाजपा और जद यू के शीर्ष नेताओं के बीच बैक चैनल चर्चा का सिलसिला बुधवार से जारी है. सूत्रों ने बताया कि जहां भाजपा इसपर दृढ़ है कि नरेन्द्र मोदी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता, वह जद यू को मनाने की कोशिश कर रही है कि गठबंधन जरुरी है. वहीं राजग में गहराए इस संकट पर नजर रखे हुए प्रदेश में पूर्व में सत्ता में रह चुकी राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद भी शनिवार को पटना आने वाले हैं और वे भी इसको लेकर अपनी पार्टी के भीतर विचार-विमर्श करेंगे.

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