नयी दिल्ली : सीबीआइ ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में किसी लड़की की हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. इस बालिका गृह में रहनेवाली सभी लड़कियां जीवित हैं. जांच एजेंसी के मुताबिक बालिका गृह परिसर से दो कंकाल बरामद हुए थे,
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी लड़की की हत्या नहीं : सीबीआइ
नयी दिल्ली : सीबीआइ ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में किसी लड़की की हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. इस बालिका गृह में रहनेवाली सभी लड़कियां जीवित हैं. जांच एजेंसी के मुताबिक बालिका गृह परिसर से दो कंकाल बरामद हुए थे, लेकिन फॉरेंसिक जांच में पता चला कि […]
लेकिन फॉरेंसिक जांच में पता चला कि वे एक महिला व एक पुरुष के थे. वहीं, चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत के पीठ ने इस केस की जांच में सीबीआइ की प्रगति रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. साथ ही जांच दल के दो अफसरों को इससे मुक्त करने की भी अनुमति दे दी है.
सीबीआइ की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि लड़कियों से दुष्कर्म व यौन हिंसा के आरोपों की जांच का काम पूरा हो गया है.
संबंधित अदालतों में आरोपपत्र भी दाखिल किये जा चुके हैं. जिन 35 लड़कियों के बारे में बताया गया था कि उनकी हत्या कर दी गयी है, उन्हें खोज लिया गया है. सभी जिंदा हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने बिहार में 17 आश्रय गृहों के मामलों की जांच की. इनमें से 13 मामलों में आरोपपत्र दाखिल कर दिये गये हैं, जबकि चार मामलों में प्रारंभिक जांच की गयी. बाद में उन्हें बंद कर दिया गया, क्योंकि उनमें किसी प्रकार की गड़बड़ी के साक्ष्य नहीं मिले.
बच्चों की हत्या की बात गलत साबित हुई : एजी
17 आश्रय गृहों की जांच, 13 मामलों में आरोपपत्र दाखिल
बालिका गृह में मिले कंकाल महिला और पुरुष के
घर से श्मशान घाट तक खुदाई
20 जुलाई 2018 : पॉक्सो कोर्ट ने बालिका गृह में मृत बच्ची के शव की खोज के लिए जमीन खोदने का आदेश दिया.
23 जुलाई 2018 : कोर्ट के आदेश पर बालिका गृह परिसर में खुदाई हुई. पांच घंटे तक दो-दो जगहों पर खुदाई के बाद भी कुछ नहीं मिला. पुलिस ने खोदे गये स्थल से मिट्टी का नमूना संग्रह किया.
3 अक्तूबर 2018 : सिकंदरपुर स्थित श्मशान में सीबीआइ ने छह घंटे तक खुदाई करायी. ब्रजेश ठाकुर के दो कर्मचारी विजय और गुड्डू की निशानदेही पर खुदाई हुई. खोपड़ी, हाथ की हड्डी के साथ ही शव के अवशेष मिले थे.
साकेत कोर्ट 14 को सुनायेगा फैसला
इन मामलों की जांच की प्रगति रिपोर्ट सीबीआइ ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी. अपनी रिपोर्ट में सीबीआइ ने कहा कि चार मामलों में किसी भी प्रकार का अपराध होने के साक्ष्य नहीं मिले. इसलिए इनमें कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी.
सीबीआइ ने बिहार सरकार से जांच रिपोर्ट के नतीजे सौंपने के साथ ही विभागीय कार्रवाई करने और संबंधित गैर सरकारी संगठनों का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने की कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. इस केस में साकेत की विशेष अदालत 14 जनवरी को फैसला सुनायेगी.
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