बेंगलुरु : कांग्रेस के बाद जनता दल (सेक्युलर) ने गुरुवार को कहा कि उसने भी विधानसभा स्पीकर से संपर्क कर अपने तीन बागी विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है.
दरअसल, जदएस के ये तीन विधायक राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के उन 16 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और एचडी कुमारस्वामी नीत सरकार को गिरने के कगार पर पहुंचा दिया है. जदएस ने जिन तीन विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है उन्हें एएच विश्वनाथ (हंसुर), केसी नारायणगौड़ा (केआर पेट) और के गोपीनाथ (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं. हालांकि, स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि वह विधायकों को अयोग्य करार देने के जदएस की याचिका पर संज्ञान नहीं ले सकते क्योंकि ये उपयुक्त प्रारूप में दाखिल नहीं किये गये हैं. जदएस ने इन विधायकों के पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने और न्याय के हित में स्वेच्छा से सदस्यता त्यागने को लेकर उन्हें अयोग्य करार देने की मांग की है.
पार्टी के प्रवक्ता रमेश बाबू ने एक बयान में कहा, बुधवार को मैंने जदएस के तीन विधायकों के खिलाफ दल बदल रोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी. आज मैंने स्पीकर कार्यालय के दस्तावेज सौंपे हैं. इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में कांग्रेस से 13, जबकि जदएस से तीन हैं. इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया एवं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति प्रमुख दिनेश गुंडु राव पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए दी गयी अपनी हालिया याचिका के सिलसिले में गुरुवार को स्पीकर के समक्ष उपस्थित हुए.
राव ने संवाददाताओं से कहा, हमने दलबदल रोधी कानून के तहत विधायकों के खिलाफ याचिका दी है. आज दो सदस्यों के बारे में सुनवाई हुई, अन्य सदस्यों के खिलाफ भी हमने स्पीकर को याचिका दी है. उन्होंने कहा कि स्पीकर को यह फैसला करना है कि इन विधायकों को अयोग्य करार दिया जायेगा या नहीं, तभी जाकर इस्तीफा और अन्य मुद्दे आयेंगे. हमारी याचिका रामलिंगा रेड्डी (कांग्रेस के सात बार के विधायक) को छोड़ कर अन्य सभी बागी विधायकों के खिलाफ है.