नयी दिल्लीः विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया हमेशा से विवादों में रहते हैं. अपने बयानों को लेकर कई बार चर्चा का विषय बन चुके प्रवीण तोगड़िया एक बार फिरविवादों में फंस चुके हैं. उन्हें उत्तेजक और गर्म बयानों के लिए जाना जाता है. उनके बयानों को लेकर कई बार राजनीतिक पार्टियों में जोरदार बहस शुरु हो जाती है.
कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी तोगड़िया अपनी राय बड़ी बेबाकी से रखते हैं. तोगड़िया को 1979 में राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के स्वयं स्वेको का मुख्या मार्गदर्शक केवल २२ वर्ष की उम्र में चुना गया. तोगड़िया इससे पहले भी तोगड़िया ने अपने कथित बयान में हिंदू बहुल इलाक़ों से मुसलमानों को बलपूर्वक निकालने की बात कही थी.
उन्होंने कहा ‘मुसलिमों द्वारा यह गांवों और पूरे भारत भर में किया जा रहा है. उनकी रणनीति अच्छी कीमत पर एक घर खरीदने की और फिर काफी कम कीमतों पर हिंदुओं की संपत्ति खरीदने की होती है. इसे रोकने के दो तरीके हैं, या, तो सरकार अशांत क्षेत्र कानून लागू करे. आप सरकार पर अशांत क्षेत्र कानून लागू करने का दबाव बनाइए जैसा अहमदाबाद जैसे शहरों में है या फिर उन घरों पर कब्जा करके बजरंग दल का पोस्टर चिपका दीजिए. ’
तोगड़िया ने कथित तौर पर यह भी कहा,‘हिंदुओं की रक्षा के लिए, किसी पर दबाव बनाना सही है. मैं ऐसा पहले कर चुका हूं. बजरंग दल के पोस्टर का इस्तेमाल कर लंबे समय तक एक घर अपने कब्जे में रखा.’था. तोगड़िया के इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था. भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका कड़ा विरोध किया था. हालांकि तोगड़िया ने मीडिया पर इस पूरे बयान को तोड़मड़ोर कर पेश करना का आरोप लगाया था.
तोगड़िया ने अब एक और विवादित बयान दिया है जिस पर हंगामा शुरु हो गया है. तोगड़िया ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वालों को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि वे हिन्दुओं के धैर्य की परीक्षा न लें. मध्य प्रदेश के इंदौर में तोगड़िया ने अल्पसंख्यकों से चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘वे गुजरात को भले ही भूल गए हों, लेकिन मुजफ्फरनगर को नहीं भूले होंगे. हिन्दू नेता ने कहा कि हिन्दुओं की सहनशीलता की परीक्षा न लें. हिन्दू भी ईंट और पत्थर उठा सकता है.’